- पनामा पेपर लीक केस में प्रवर्तन निदेशालय ने ऐश्वर्या राय बच्चन को समन भेजा था
- दिल्ली के जाम नगर स्थित ईडी के कार्यलय में पेश हुईं अभिनेत्री ऐश्वर्या
- आरोप है कि बच्चन परिवार ने ब्रिटिश आइलैंड में सेल कंपनियां बनाकर कर की चोरी की
नई दिल्ली : पनामा पेपर्स लीक मामले में बच्चन परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कर चोरी मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जामनगर स्थित कार्यालय पहुंची और उनसे करीब 6 घंटे तक पूछताछ हुई। टैक्स चोरी मामले में ईडी इसके पहले अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिषेक बच्चन से पूछताछ कर चुका है। ऐश्वर्या को पहले भी पेश होने के लिए ईडी कई बार समन भेज चुका था लेकिन वह पेश नहीं हुई थीं।
बच्चन परिवार पर 4 सेल कंपनियां बनाने का आरोप है। ईडी इसके पहले ऐश्वर्या के पति अभिषेक बच्चन का बयान दर्ज कर चुका है। एक मामला पीएमएलए के तहत भी दर्ज हुआ है। बच्चन परिवार पर विदेश में चार सेल कंपनी बनाकर कर बचाने का आरोप है। ज्यादातर ये सेल कंपनियां कागजोंं पर होती हैं धरातल पर उनका कोई अस्तित्व नहीं होता है।
एक कंपनी की शेयर होल्डर भी थीं ऐश्वर्या
अभिषेक बच्चन को एक कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया था। ऐश्वर्या राय उनकी मां, पिता और भाई को भी ब्रिटिश आइलैंड में एक शिपिंग कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया। ऐश्वर्या एक कंपनी की शेयर होल्डर भी थीं और इस कंपनी को साल 2008 में बंद कर दिया गया। आरोप है कि टैक्स से बचाने के लिए इन कंपनियों को बनाया गया। ईडी इस मामले की जांच काफी दिनों से कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि ऐश्वर्या को दिल्ली के जाम नगर स्थित ईडी कार्यालय में सोमवार सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा गया था।
साल 2004 में ये कंपनियां बनाई गई थीं। इन कंपनियां की कीमत पांच हजार से लेकर 50 हजार डॉलर की कीमत बताई गई थी लेकिन पाया गया कि ये शिपिंग कंपनियां करोड़ों का कारोबार करती हैं।
कर चोरी के मामलों को उजागर करने का दावा
साल 2016 में पनामा पेपर लीक हुआ। लाखों पन्नों के इन दस्तावेजों में दुनिया भर में कर चोरी के मामलों को उजागर करने का दावा किया गया। इन दस्तावेजों में उन लोगों के कारोबार का जिक्र है जिन्होंने कथित रूप से कर चोरी करने के लिए छद्म कंपनियां बनाईं। दावा है कि इन हजारों लोगों में से करीब 500 लोग भारतीय हैं जिन्होंने कर से बचने के लिए हथकंडा अपनाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने कहा था कि वह इसकी गहराई से जांच करेगी। बताया जाता है कि सेल कंपनियों के जरिए 20 हजार करोड़ रुपए का कर चोरी हुआ है।