- एसी डिब्बों के पर्दे और कंबल प्रतिदिन नहीं धुलते हैं, इसलिए इन्हें हटाने का फैसला लिया गया है
- रेलवे की तरफ से यात्रियों को अपना कंबल लाने की सलाह दी गई है
- AC कोच का तापमान उपयुक्त तरीके से निर्धारित किया जाएगा ताकि यात्रियों को कंबल की आवश्यकता न हो
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारतीय रेलवे ने यात्रियों से यात्रा के दौरान अपना कंबल लाने की सलाह दी है और कहा है कि यह उनके हित में होगा। पश्चिमी रेलवे के PRO ने कहा, 'मौजूदा निर्देशों के अनुसार, एसी कोचों में प्रदान किए गए पर्दे और कंबल हर यात्रा में धोए नहीं जाते हैं। COVID-19 को फैलने से रोकने के लिए कंबल और पर्दे को अगले आदेश तक तुरंत सेवा से हटा दिया जाना चाहिए। यात्रियों को अपने स्वयं के हित में अपने कंबल लाने की सलाह दी जानी चाहिए। किसी भी समस्या के लिए कुछ अतिरिक्त चादरें रखी जाएंगी।'
इसे लेकर पश्चिमी रेलवे ने एक ट्वीट करते हुए कहा, 'कृपया ध्यान दें कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए ट्रेनों के एसी डिब्बों से पर्दे और कंबल हटाने का निर्णय लिया गया है। जरूरत पड़ने पर यात्री अपने कंबल खुद ला सकते हैं। असुविधा के लिए खेद है।'
इसी तरह, दक्षिण पूर्व रेलवे (SER) और ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सभी ट्रेनों के वातानुकूलित डिब्बों में कंबल और पर्दे के प्रावधान को वापस लेने का फैसला किया, ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके। SER के प्रवक्ता ने कहा कि एसी कोच का तापमान उपयुक्त तरीके से निर्धारित किया जाएगा ताकि यात्रियों को कंबल की आवश्यकता न हो। हालांकि मांगने पर कंबल दिया जाएगा।
वहीं मध्य रेलवे ने सभी डिब्बों को अच्छी तरह साफ-सुथरा करने का निर्देश दिया है। ये हर दिन हजारों यात्रियों के संपर्क में आते हैं।
कोरोना वायरस के खिलाफ रेलवे उठा रहा ये कदम
- रेलवे ने बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू किया है। कोरोना वायरस के बारे में सूचना, शिक्षा, और संचार सामग्री (पोस्टर और पर्चे) रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में स्थानीय भाषाओं में आम जनता की जागरूकता के लिए प्रमुखता से प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
- रेलवे अस्पतालों को कोरोनो वायरस के संदिग्ध मामलों के इलाज के लिए 1,000 से अधिक आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराए गए हैं और 12,000 से अधिक बेड अलग-अलग स्थानों पर तैयार किए गए हैं।
- सभी रेलवे अस्पतालों में कंट्रोल रूम और टेलीफोन हेल्पलाइन स्थापित किए गए हैं।
- रेलवे अस्पतालों में बुखार वाले व्यक्तियों को अन्य रोगियों से अलग किया जा रहा है। बुखार के मामलों के लिए अलग वार्ड स्थापित किए गए हैं। चिकित्साकर्मियों को सलाह दी गई है कि यदि कोरोनो वायरस के किसी भी मरीज को रेलवे अस्पताल/स्वास्थ्य इकाई के किसी भी क्षेत्र/पीयू में संदिग्ध या रिपोर्ट किया जाता है, तो इसकी सूचना तुरंत रेलवे बोर्ड और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को दी जा सकती है।
- सभी चिकित्सा प्रभारियों को सलाह दी गई है कि वे संबंधित राज्य प्राधिकरणों के साथ निरंतर संपर्क में रहें, ताकि विषयों पर जारी दिशा-निर्देश/अपडेट प्राप्त किए जा सकें।