- राजस्थान में कई लोग परेशान है।
- अगर तेल कंपनियों अभी से सप्लाई बढ़ाती हैं, तो सप्लाई तीन दिनों तक पूरे राज्य में ठीक से पहुंच सकेगी।
- एग्रीकल्चर और औद्योगिक उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण खंड भी प्रभावित हो रहे हैं।
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल ने लोगों के नाक में दम करके रख दिया है। पहले लोग पेट्रोल और डीजल की उच्च कीमतों (Petrol Diesel Price) से परेशान थे। जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमत कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की घोषणा की, तो अब इसकी सप्लाई की कटौती का संकट खड़ा हो गया है। जी हां, मंगलवार तक जयपुर के 100 पेट्रोल पंप सहित राजस्थान के करीब 2,000 पेट्रोल पंप सूख गए और आने वाले दिनों में स्थिति सुधरने की उम्मीद नहीं है।
क्यों पैदा हो रहा है ईंधन का संकट?
पेट्रोलियम डीलरों की मानें, तो बीपीसीएल (BPCL) और एचपीसीएल (HPCL) ने तेल की सप्लाई को प्रतिबंधित कर दिया है। कंपनियां कुल मांग का सिर्फ 33 फीसदी ही तेल उपलब्ध करा रही हैं। इसकी वजह से ईंधन का संकट पैदा हो रहा है। वहीं रिलायंस और एस्सार जैसी प्राइवेट तेल कंपनियों की बात करें, तो इन्होंने पहले ही अपने पेट्रोल पंपों पर बिक्री बंद कर दी है।
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दो हफ्तों से बंद पड़े हैं इन कंपनियों के पेट्रोल पंप
इस संदर्भ में राजस्थान पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि तेल की कमी की बड़ी वजह यह है कि रिलायंस और एस्सार के पेट्रोल पंप करीब दो सप्ताह से बंद पड़े हैं। राजस्थान में रिलायंस और एस्सार की बाजार हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी है। इन कंपनियों के पंप बंद होने की वजह से इसका बोझ दूसरी कंपनियों के पेट्रोल पंपों पर आ गया है।
इंडियन ऑयल कर रहा है स्पलाई
इसके अलावा बीपीसीएल और एचपीसीएल की ओर से भी सप्लाई कम की जा रही है। पूरी आपूर्ति इंडियन ऑयल कंपनी ही दे रहा है। सुनीत बगई ने आगे कहा कि पेट्रोलियम कंपनियों को हो रहे घाटे की वजह से भी दो प्रमुख कंपनियों ने स्पलाई सीमित कर दी है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी को सप्लाई नहीं होने की शिकायत भी की है।