- किसान सूर्योदय योजना के तहत 16 घंटे तक किसानों को निर्बाध बिजली देने का प्रावधान
- आधारभूत संरचना के विकास के लिए 2300 करोड़ का प्रावधान
- शुरुआत में 10 जिलों को किया गया है शामिल, 2022-23 तक शेष जिलों को किया जाएगा शामिल
नई दिल्ली। देश के संपन्न राज्यों में से गुजरात एक है। गुजरात में विकास की गति को रफ्तार देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी करीब तीन तोहफा देने वाले हैं। उन तीन तोहफों में से एक किसान सूर्योदय योजना(Kisan Suryodaya Yojana) है। इसके साथ साथ यू एन मेहता कॉर्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर से संबंद्ध अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल में टेली कॉर्डियोलॉजी के लिए मोबाइल ऐप तो गिरनार में रोपवे का उद्घाटन करेंगे। यहां पर हम किसान सूर्योदय योजना की खासियत के बारे में बताएंगे।
किसानों के हित में अलग अलग योजनाओं पर काम
पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं कि देश के अन्नदाताओं तक खेती संबंधी बुनियादी सुविधाएं पहुंचे यह सरकार का कर्तव्य है। सरकार उस दिशा में आगे बढ़ रही है। उनका यह भी कहना है कि हर खेत को सिंचाई का साधन उपलब्ध हो यह एक सपना है और उसक सपने को साकार करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों से मिलकर कई योजनाओं पर काम कर रही है।
किसान सूर्योदय योजना की खास बात
- गुजरात सरकार ने किसानों के संपूर्ण विकास के लिए इस योजना की घोषणा की थी।
- किसान सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक बिजली पा सकेंगे।
- गुजरात सरकार की तरफ से 2023 तक इस योजना के तहत पारेषण अवसंरचना स्थापित करने के लिए 3500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
- 2020-21 के लिए दाहोद, पाटन, महिसागर, पंचमहल, छोटा उदेपुर, खेड़ा, तापी, वलसाड, आणंद और गिर-सोमनाथ को योजना के तहत शामिल किया गया है।
- गुजरात के शेष जिलों को 2022-23 तक चरणबद्ध तरीके से कवर किया जाएगा।
- 220 किलोवाट क्षमता वाले सब स्टेशन के साथ ही 3490 सर्किट किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन लगाई जाएगी।
किसानों को संपूर्ण विकास ही सरकार का लक्ष्य
पीएम नरेंद्र मोदी बार बार कहते हैं कि देश में किसानों के लिए बुनियादी सुविधाओं को और बल देने की जरूरत है। हमें यह देखना होगा कि नीतियों किसानों की आवश्यकता के मुताबिक बने। देश में कृषि क्षेत्र का जितना अधिक विकास होगा उसका असर सेकेंडरी और सर्विस सेक्टर पर पड़ेगा। देश की बेहतरी के लिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करना होगा। एनडीए की सरकार ने किसानों के खाते में रकम भेजने का जो फैसला किया उसका मकसद ही सिर्फ यह है कि किसान बिचौलियों के चंगुल में ना फंसे।