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मुफ्त राशन वितरण में पीछे हैं ये राज्य, राम विलास पासवान बोले- खाद्यान्न की कोई समस्या नहीं

Updated Jul 02, 2020 | 11:00 IST

PM Garib Kalyan Anna Yojana : खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण में वितरण में कुछ राज्य पीछे हैं जबकि खाद्यान्न की कमी नहीं है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
पासवान ने कहा कि राज्यों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में कोई समस्या नहीं
मुख्य बातें
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को विस्तार दिया गया है
  • इसे पांच महीने के लिए बढ़ाकर नवंबर तक कर दिया गया है
  • इसके तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को 5 किलो गेहूं या चावल, साथ में 1 किलो चना हर महीने मुफ्त दिया जा रहा है

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana : खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन वितरण में पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे कुछ राज्य पीछे हैं। उन्होंने कहा कि इन राज्यों को कोविड-19 संकट के दौरान गरीबों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और अनाज वितरण को लेकर सक्रियता से कदम उठाने चाहिए। इस योजना की शुरुआत कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित इकाइयों की मदद के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज के तहत हुई। शुरू में यह योजना तीन महीने के लिए अप्रैल से जून तक के लिए थी। अब इसे पांच महीने के लिए बढ़ाकर नवंबर तक कर दिया गया है। इसके तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को 5 किलो गेहूं या चावल तथा एक किलो चना हर महीने मुफ्त दिया जा रहा है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दिये जाने वाले सब्सिडीयुक्त अनाज के अलावा है।

राज्यों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में कोई समस्या नहीं

पासवान ने कहा कि हमें राज्यों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में कोई समस्या नहीं है। जब यह मुफ्त दिया जा रहा है, राज्यों को इसके वितरण में आखिर क्या समस्या है। हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि योजना को लागू करने में पीछे रहने वाले राज्यों को कई पत्र लिखे गए हैं। यहां तक कि उन राज्यों के खाद्य मंत्रियों से बात भी की गई। सभी प्रयासों के बावजूद वे कोई कदम नहीं उठा रहे। उन्हें कोविड-19 संकट के दौरान गरीबों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और सक्रियता से कदम उठाने चाहिए।

अनाज का तुंरत उठाव के लिए दिए गए निर्देश

पासवान के अनुसार 22 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएमजीकेएवाई को अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने की मांग की थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अगले पांच महीने के लिए बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। हमारे मंत्रालय ने सभी राज्यों को अगले पांच महीने के लिए अनाज का तुंरत उठाव के लिए निर्देश दिया है। हमारे पास अनाज की कोई कमी नहीं है। मंत्री ने कहा कि राज्यों को सार्वजनिक क्षेत्र के एफसीआई के गोदामों से अनाज तुंरत उठाना चाहिए ताकि उन्हें बारिश के मौसम में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई में करीब 93 प्रतिशत खाद्यान्न वितरित हुए। वहीं जून में केवल 75 प्रतिशत का वितरण हुआ।

राज्यों में मुफ्त अनाज के वितरण के आंकड़े

ताजा आंकड़े के अनुसार पश्चिम बंगाल ने जून महीने मुफ्त राशन का वितरण शुरू नहीं किया है। उसी दौरान बिहार में यह केवल 47%, मध्य प्रदेश में 48%, मणिपुर में 68% और दिल्ली में 66% रहा। आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून के दौरान पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मध्य प्रदेश, बिहार, मणिपुर, दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र और दादर नगर हवेली तथा दमन एवं दीव में 90% से कम अनाज के वितरण हुए।

अप्रैल-जून के दौरान 4.49 लाख टन दाल का वितरण

दाल के बारे में पासवान ने कहा कि पीएमजीकेएवाई के तहत अप्रैल-जून के दौरान 4.49 लाख टन दाल का वितरण अबतक हुआ है जबकि लक्ष्य 5.87 लाख टन था। उन्होंने कहा कि अगले पांच महीने के वितरण के लिए सरकार के पास 29.49 लाख टन से अधिक दाल का भंडार है जो योजना के तहत मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। 

मुफ्त अनाज, दाल के वितरण पर 1,48,939 करोड़ रुपये की लागत

खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त अनाज और दाल के वितरण पर 1,48,939 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें 1,22,839 करोड़ रुपए मुफ्त अनाज तथा 11,800 करोड़ रुपए दाल के वितरण पर खर्च होगा।
 

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