- आज के समय में भारत की पोस्टल सर्विस दुनिया की सबसे बड़ी पोस्टल सर्विस है
- पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट एक ही प्रकार का है जिसे पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट कहते हैं
- अन्य निवेश स्कीम की तुलना में पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट काफी फायदेमंद होता है
गुलाम भारत में तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी ने 1854 में इंडिया पोस्ट की शुरुआत की थी। आजाद भारत में आज के समय में भारत में करीब डेढ़ लाख से भी ज्यादा पोस्ट ऑफिस हैं। इस प्रकार से भारत का पोस्टल सर्विस दुनियाभर के किसी भी देशों से सबसे बड़ा और विस्तृत है। पोस्टल, कुरियर और मेल्स डिलीवरी करने के अलावा पोस्टल सर्विस नागरिकों को अन्य कई तरह की सेवाएं व सुविधाएं देता है।
इनके अलावा पोस्ट ऑफिस नागरिकों को निवेश करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग अकाउंट खुलवाने के भी विकल्प देता है। पोस्ट ऑफिस की इन सेवाओं के तहत स्मॉल सेविंग स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस जैसी सुविधाए दी जाती है।
पोस्ट ऑफिस एफडी
भारत में पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम निवेशकों को आकर्षक रिटर्न पर निवेश करने का ऑफर देता है। हालांकि यह निवेशकों के द्वारा चुने गए मैच्योरिटी अवधि के उपर निर्भर करता है। यह अविधि 1 साल से लेकर 5 साल तक के बीच की होती है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के तहत सीनियर सिटीजन से किसी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाता है।
पोस्ट ऑफिस एफडी के प्रकार
वर्तमान में पोस्ट ऑफिस केवल एक प्रकार के एफडी स्कीम देता है जिसका नाम है पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (POTD)। यह स्कीम समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए सुटेबल है जिसमें किसी को भी मात्र 100 रुपए निवेश करने पड़ते हैं। इसमें निवेश की कोई सीमा भी नहीं है लेकिन निवेशक अपनी मर्जी के मुताबिक मैच्योरिटी की अवधि चुन सकते हैं जो कम से कम 12 महीनों के लिए और ज्यादा से ज्यादा 60 महीनों के लिए हो सकता है। इसके अलावा इसमें ये भी सुविधा है कि अगर कोई निवेशक बीच में लोन लेना चाहे तो बीच में ही लोन ले सकती है।
पोस्ट ऑफिस एफडी चुनने के फायदे
- सरकारी बैंकिंग के कारण पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम अन्य एफडी स्कीम की तुलना में सुरक्षित है। इसमें रिटर्न की गारंटी होती है।
- अन्य निवेश योजनाओं के मुकाबले पोस्ट ऑफिस एफडी स्कीम में हाई रिटर्न की गारंटी होती है।
- जब मार्केट ऊपर नीचे होता है तो इसका पोस्ट ऑफिस एफडी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है जबकि बाकि निवेश योजनाओं में मार्केट का काफी असर पड़ता है। इसका मतलब है कि पोस्ट ऑफिस एफडी में पैसा लगाने से ग्राहक को मार्केट की चिंता किए बिना उचित रिटर्न मिल जाता है।
- इसके अलावा एलिजिबल इन्वेस्टर जरूरत पड़ने पर प्रीमैच्योर टाइम पर ही लोन लेना चाहें तो ले सकते हैं।