Investment Options : इस समय, इन्वेस्टर्स मुश्किल समय से गुजर रहे हैं। कोविड-19 से पहले जिंदगी ज्यादा आसान थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों में आपकी पर्सनल इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी बदल गई होगी। पहले आपकी रिस्क क्षमता शायद अधिक होगी, लेकिन अब आप सुरक्षित तरीका अपनाना चाहते होंगे। इस अनिश्चितता के कारण इन्वेस्टर्स अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। इस संकट की घड़ी में उनके लिए सर्वाइवल और सेफ्टी ज्यादा मायने रखती है, ग्रोथ नहीं, क्योंकि ग्रोथ अब एक लॉन्ग-टर्म लक्ष्य बन गया है। फाइनेंसियल मार्केट्स अभी भी वोलेटाइल हैं, और सुनिश्चित रिटर्न देने वाले इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस को भी संघर्ष करना पड़ रहा है। इसलिए, प्रत्येक इन्वेस्टर को इस मुश्किल समय से बाहर निकलने का तरीका खुद ढूंढना होगा। जो इन्वेस्टर्स अभी गारंटीड रिटर्न पाना चाहते हैं उनके लिए बेस्ट ऑप्शंस क्या हैं?
आइए ऐसे पांच इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस पर गौर करें-
वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF): यह वेतनभोगी लोगों के लिए एक बहुत बढ़िया इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। यह एम्प्लोयी प्रोविडेंट फंड का हिस्सा है जो सिर्फ हाई रिटर्न पाने में ही नहीं बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद करता है। सिर्फ यही नहीं, यह एक अत्यंत टैक्स कुशल इंस्ट्रूमेंट भी है, क्योंकि इसके रिटर्न्स टैक्स-फ्री होते हैं। आप अपने EPF में अपनी बेसिक सैलरी का 12% इन्वेस्ट करने के बाद एक्स्ट्रा अमाउंट, VPF में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इस मुश्किल समय में लोगों के हाथों में ज्यादा पैसे लाने की कोशिश में सरकार ने 31 अगस्त 2020 तक EPF कॉन्ट्रिब्यूशन लिमिट को घटाकर बेसिक सैलरी का 10% कर दिया है। VPF में फ़िलहाल 8.5% इंटरेस्ट मिल रहा है जो FD और पब्लिक प्रोविडेंट फंड से काफी अधिक है। VPF में इन्वेस्ट करना बहुत आसान है क्योंकि आपको बस एक फॉर्म भरना और अपने सैलरी डिपार्टमेंट को बताना होता है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) : यह एक बहुत अच्छा रिस्क फ्री इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जहां पैसे की सुरक्षा के साथ-साथ 100% टैक्स-फ्री रिटर्न भी मिलता है। यह अपने लॉन्ग-टर्म फाइनेंसियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक बहुत बढ़िया ऑप्शन है। देश भर के बैंक और पोस्ट ऑफिस में आसानी से एक PPF अकाउंट खोला जा सकता है। इसमें आप 15 साल तक हर साल कम-से-कम 500 रु. और अधिक-से-अधिक 1.5 लाख रु. इन्वेस्ट कर सकते हैं। सरकारी नियम के अनुसार इंटरेस्ट रेट बदलता रहता है। फ़िलहाल इसका इंटरेस्ट रेट 7.1% है। उदाहरण के लिए, इसमें हर महीने 1500 रु. इन्वेस्ट करने पर, 7.1% की दर से 15 साल में लगभग 4.7 लाख रु. मिलेंगे। इसमें जितना चाहे उतना और जब चाहे तब इन्वेस्ट करने की सुविधा मिलती है।
फिक्स्ड डिपोजिट (FD) : फिक्स्ड डिपोजिट, रिस्क परहेजी इन्वेस्टर्स का पसंदीदा इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है। सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा इंटरेस्ट रेट, पैसे की सुरक्षा, आसानी से भुनाने की सुविधा और सुनिश्चित रिटर्न के कारण ही यह इतना लोकप्रिय है। यहाँ 7 दिन से 10 साल के लिए 3% से 9% तक इंटरेस्ट मिलता है। बीते कुछ समय में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती करने के कारण FD रेट्स में भी गिरावट आई है। ऐसी परिस्थिति में, आप लैडरिंग तकनीक से FD में इन्वेस्ट कर सकते हैं, यानी आप अलग-अलग टेन्योर के लिए FD में इन्वेस्ट कर सकते हैं और उनके मैच्योर होने पर उन्हें फिर से इन्वेस्ट कर सकते हैं। FD लैडरिंग से आपको एक इन्वेस्टमेंट लूप तैयार करने और अलग-अलग अंतराल पर बेहतर रिटर्न कमाने में मदद मिलती है। आप अपना FD कभी-भी तोड़ सकते हैं लेकिन समय से पहले तोड़ने पर 1% इंटरेस्ट रेट पेनाल्टी लगती है।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) : PPF की तरह, NSC भी एक सुरक्षित और कम रिस्की इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जिसमें टैक्स सेविंग बेनिफिट भी मिलता है। यह एक सरकार समर्थित स्कीम है जिसका मैच्योरिटी पीरियड 5 साल होता है। आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस से NSC खरीद सकते हैं। फिलहाल इसमें 6.8% इयरली कम्पाउंड इंटरेस्ट मिल रहा है जो टेन्योर के अंत में मिलता है। पहले चार साल में मिले इंटरेस्ट को प्रिंसिपल अमाउंट में जोड़ दिया जाता है जिसका इस्तेमाल इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत एडिशनल टैक्स डिडक्शन के रूप में किया जा सकता है।
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपोजिट (POTD) : यह एक फिक्स्ड डिपोजिट की तरह है जहाँ एक फिक्स्ड पीरियड के लिए इन्वेस्ट करने पर गारंटीड रिटर्न मिलता है। एक सरकार समर्थित स्कीम होने के कारण यहाँ पैसा सुरक्षित रहता है। 1 से 5 साल के लिए इन्वेस्ट करने पर 5.5-6.7% इंटरेस्ट मिलता है। आप कम-से-कम 200 रु. से एक पोस्ट ऑफिस या कुछ किसी पब्लिक सेक्टर बैंकों में एक टाइम डिपोजिट अकाउंट खोल सकते हैं। इंटरेस्ट रेट कैलकुलेट तो होता है हर तीन महीने पर लेकिन मिलता सालाना है। इसमें इन्वेस्ट करने पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।
इनके अलावा, आप सरकार समर्थित सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं क्योंकि अस्थिरता और अनिश्चितता के दौरान गोल्ड इन्वेस्टमेंट पर बेहतर रिटर्न मिलता है। इनमें से किसी भी ऑप्शन में इन्वेस्ट करने से पहले, बेस्ट ऑप्शन चुनने के लिए अपने फाइनेंसियल लक्ष्य, रिस्क क्षमता और रिटर्न की उम्मीद पर गौर करना जरूरी है। कोई संदेह होने पर, एक सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की मदद लें।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)