- पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीवाली तक विस्तार देने का फैसला किया।
- भारत सरकार ने मई और जून 2021 में मुफ्त अनाज देने का फैसला किया था।
- इस योजना के तहत गरीबों को प्रति महीने 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न दिया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (7 जून) शाम 5 बजे देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है। 21 जून से देश के हर राज्य में, 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए, भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75% हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। साथ ही उन्होंने कहा कि आज सरकार ने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। महामारी के इस समय में, सरकार गरीब की हर जरूरत के साथ, उसका साथी बनकर खड़ी है। यानी नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा।
इससे पहले कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद भारत सरकार मई और जून 2021 में मुफ्त अनाज देने का फैसला किया। इसके बाद इसे आज पीएम मोदी ने विस्तार देने का फैसला किया। अब गरीबों को 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न दिया जाएगा। अब नवंबर तक प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं या चावल) दिया जाएगा। साथ हमें एक किलो दाल भी दी जाएगी।
गौर हो कि पिछले साल जब कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था तब सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को आठ महीन तक 5 किलो प्रति महीने अनाज उपलब्ध कराया था। सरकार ने पिछले साल इसी तरह के उपाय की घोषणा की थी और दावा किया था कि इस योजना के लिए कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए थे। इस साल अप्रैल में फिर से शुरू की गई योजना की घोषणा मई और जून के महीनों के लिए 26,000 करोड़ रुपए के अनुमानित खर्च पर की गई थी। यह पहल अब कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों के लिए नवंबर तक जारी रहेगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत, प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी। प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे। इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा।