- निजी क्षेत्र की तरफ से 30 हजार करोड़ निवेश की जरूरत, 109 रूट्स पर प्राइवेट ट्रेन की योजना
- ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटे, यात्रा के समय में होगी बचत
- यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा मुहैया कराना मुख्य मकसद
नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। 109 से अधिक रूटों पर प्राइवेट यात्री ट्रेनें चलाई जाएंगी। रेलवे ने कहा कि निजी कंपनियों द्वारा संचालित ट्रेनों के गार्ड और चालक भारतीय रेलवे से होंगे। यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही के लिहाज से 109 से अधिक मार्गों पर परिचालन के लिए निजी निवेश के वास्ते पात्रता अनुरोध आमंत्रित किए गए हैं।
निजी क्षेत्र की तरफ से 30 हजार करोड़ निवेश की जरूरत
सवारी रेलगाड़ियों के संचालन में निजी कंपनियों की भागदारी की परियोजना में निजी क्षेत्र की ओर से करीब 30,000 करोड़ रूपये के निवेश की आवश्यकता होगी। यात्री रेल परिचालन के लिए चुनी गई निजी कंपनियां ट्रेनों के वित्तपोषण, खरीद और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगी। यात्री रेल सेवाओं के लिए चुनी गई निजी कंपनियों को वास्तविक खपत के अनुसार निर्धारित ढुलाई शुल्क तथा बिजली शुल्क अदा करना होगा।
ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटे
ट्रेनों को अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की गति के लिए डिज़ाइन किया जाएगा। यात्रा के समय में पर्याप्त कमी होगी। एक ट्रेन द्वारा लिया जाने वाला समय संबंधित मार्ग में चलने वाली भारतीय रेलवे की सबसे तेज ट्रेन की तुलना में या उससे अधिक तेज होगा। रेलवे ने यह भी कहा कि परियोजना के लिए रियायत की अवधि 35 वर्ष होगी और निजी इकाई भारतीय रेलवे को तय शुल्क, ऊर्जा शुल्क वास्तविक खपत के अनुसार और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित सकल राजस्व में हिस्सेदारी का भुगतान करेगी।
यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा मुहैया कराना मुख्य मकसद
रेलवे ने कहा, "इस पहल का उद्देश्य आधुनिक प्रौद्योगिकी रोलिंग स्टॉक को कम रखरखाव, कम पारगमन समय, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, सुरक्षा में वृद्धि करना, यात्रियों को विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करना है। इन ट्रेनों को भारतीय रेलवे के चालक और गार्ड द्वारा संचालित किया जाएगा।रेलवे के मुताबिक निजी संस्था द्वारा गाड़ियों का परिचालन समय के साथ-साथ समयबद्धता, विश्वसनीयता, रेलगाड़ियों के प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के अनुरूप होगा।इसमें कहा गया है कि यात्री ट्रेनों का संचालन और रखरखाव भारतीय रेलवे द्वारा निर्दिष्ट मानकों और विशिष्टताओं और आवश्यकताओं के अनुसार होगा।