- भारतीय रिजर्व बैंक एनईएफटी सिस्टम का संचालन करता है।
- राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर एक राष्ट्रव्यापी केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली है।
- पीएनबी ने राष्ट्रीय स्वचालित क्लियरिंग हाउस की दरें भी बदली हैं।
नई दिल्ली। देश में ऑनलाइन लेनदेन तेजी से बढ़ रहा है। मौजूदा समय में सभी बैंक अपने ग्राहकों को ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधाएं देते हैं। आप कहीं से भी कभी भी पैसे अपने अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन अब आप पैसे ट्रांसफर करने से पहले सोचेंगे क्योंकि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) से लेनदेन महंगा होने जा रहा है।
इस बैंक ने बढ़ाई दरें
दरअसल पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने आरटीजीएस और एनईएफटी सहित कई तरह की इलेक्ट्रॉनिक सेवाएं महंगी कर दी हैं। नई दरें 20 मई 2022 से प्रभावी हो चुकी हैं।
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इतना हुआ आरटीजीएस का शुल्क
ऑफलाइन लेनदेन के लिए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट के लिए शुल्क 24.50 रुपये और 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच ऑनलाइन लेनदेन के लिए 24 रुपये लगाया जाएगा। ध्यान दें कि इन दरों पर जीएसटी भी लागू होगा। इससे पहले बैंक आरटीजीएस से ऑफलाइन लेनदेन के लिए 20 रुपये शुल्क वसूलता था। 5 लाख रुपये से ऊपर की राशि के लिए शुल्क पहले से बढ़ाकर 49.50 फीसदी कर दिया गया है। इतनी ही राशि के लिए, ऑनलाइन शुल्क 49 रुपये लगाया जाएगा।
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इतना हुआ एनईएफटी का शुल्क
10,000 रुपये तक का एनईएफटी शुल्क पहले के 2 रुपये से बढ़ाकर 2.25 रुपये कर दिया गया है और ऑनलाइन शुल्क 1.75 रुपये लगाया गया है। 10,000 रुपये से ज्यादा और 1 लाख रुपये तक की लेनदेन राशि के लिए शुल्क 4 रुपये से बढ़कर 4.75 रुपये कर दिया गया है। ऑनलाइन लेनदेन के लिए शुल्क 4.25 रुपये निर्धारित किया गया है। 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक के लेनदेन पर शुल्क 14 रुपये से बढ़ाकर 14.75 रुपये और ऑनलाइन लेनदेन के लिए 14.25 रुपये निर्धारित किए गए हैं। 2 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए इसे 24 रुपये से बढ़ाकर 24.75 रुपये कर दिया गया है।