- राहुल गांधी ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा
- आरबीआई डेटा के हवाले से कहा कि निवेशकों के साथ साथ उपभोक्ताओं का विश्वास डगमगाया है
- राहुल गांधी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर अभी और बुरी खबर सुनने को मिल सकती है।
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपनी कमान से हर एक दिन तीर निकाल कर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कोरोना के मामले 20 लाख के पार..गायब है मोदी सरकार, इससे पहले फिंगर एरिया का जिक्र करते हुए कहा कि आखिर मोदी सरकार सच क्यों नहीं बता रहा है। अब आरबीई की मौद्रिक नीति के ऐलान के बाद एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। आरबीआई के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे का हवाला दिया और कहा कि अर्थव्यवस्था और रोजगार के मोर्चे पर अभी और बुरी खबरें आ सकती हैं।
राहुल गांधी ने कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे का दिया हवाला
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे के नतीजों को को जारी किया था। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में उपभोक्ताओं के भरोसे में कमी आई है और वो अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। पीपल्स कॉन्फिडेंस लेवल से जुड़े एक ग्राफ को राहुल गांधी ने साझा किया और कहा कि आरबीआई ने 'देश के असल मूड' का खुलासा किया है: लोगों का विश्वास अबतक के सबसे निचले स्तर पर। भय और असुरक्षा अब तक के सबसे उच्च स्तर पर। इकॉनमी और जॉब के फ्रंट पर और बुरी खबरों की आशंका।'
मोदी सरकार की कोरोना नीति पर उठा चुके हैं सवाल
आरबीआई की तरफ से जारी कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे का जो नतीजा है कि उसकेके मुताबिक जुलाई 2020 में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सूचकांक 53.8 पर पहुंच गया है जो अब तक का सबसे कम हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि फ्यूचर एक्सपेक्टेशंस इंडेक्स में सुधार हुआ है और वह 105.4 पर है। सर्वे में लोगों का यह मानना है कि कोरोना की वजह से निश्चित तौर पर आर्थिक व्यवस्था पर असर पड़ा है जिसकी वजह से संबंधित क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। राहुल गांधी ने इससे पहले कहा था कि सरकार ने लोगों को संकट से उबारने के लिए जो तरीका अपनाया है वो कर्ज देने वाला रास्ता है।