- रेलवे ने यात्रियों को दी राहत, कोरोना से पहले के नंबर और नाम से दौड़ेंगी ट्रेनें
- कोरोना के दौरान यात्रियों को सफर के लिए देना पड़ रहा था ज्यादा किराया
- शुक्रवार देर शाम रेलवे बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी कर दी विस्तार से जानकारी
नई दिल्ली: किराये में वृद्धि पर यात्रियों के दबाव का सामना करने के बाद रेलवे ने मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए ‘विशेष’ टैग हटाने तथा महामारी से पहले के किराये पर तत्काल प्रभाव से लौटने का शुक्रवार को एक आदेश जारी किया। जब से कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में ढील दी गई थी, रेलवे केवल विशेष ट्रेनें चला रहा है। इसकी शुरुआत लंबी दूरी की ट्रेनों से हुई थी और अब, यहां तक कि कम दूरी की यात्री सेवाओं को 'थोड़ा अधिक किराए' वाली विशेष ट्रेनों के रूप में चलाया जा रहा है ताकि 'लोगों को परिहार्य यात्रा से हतोत्साहित' किया जा सके।
किराये में भी मिलेगी राहत
रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को जोनल रेलवे को लिखे पत्र में कहा कि ट्रेनें अब अपने नियमित नंबर के साथ परिचालित की जाएंगी और किराया कोविड पूर्व दर जैसा सामान्य हो जाएगा। बोर्ड के 12 नवंबर की तारीख वाले आदेश में कहा गया है, 'कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सभी नियमित मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें एमएसपीसी (मेल/एक्सप्रेस स्पेशल) और एचएसपी (होलीडे स्पेशल) के रूप में चलाई जा रही है। अब यह फैसला किया गया है कि वर्किंग टाइम टेबल, 2021 में शामिल सहित एमएसपीसी और एचएसपी ट्रेन सेवाएं नियमित नंबर के साथ परिचालित की जाएगी और किराया दिशानिर्देशों के मुताबिक, यात्रा के लिए संबद्ध वर्ग व ट्रेन के प्रकार पर आधारित होगा।'
1700 से अधिक ट्रेनें होंगी बहाल
आदेश में कहा गया है कि यह रेलवे बोर्ड के यात्री विपणन निदेशालय के सहयोग से जारी किया गया है। हालांकि, आदेश में यह नहीं बताया गया है कि जोनल रेलवे को कोविड पूर्व अपनी सेवाएं कब बहाल करने की जरूरत है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जोनल रेलवे को निर्देश जारी किया गया है। हालांकि, तत्काल प्रभाव से जारी आदेश की तामील में एक या दो दिन लग सकता है।’ एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘अगले कुछ दिनों में 1,700 से अधिक ट्रेनें बहाल की जाएंगी। ट्रेन नंबर का पहला अंक शून्य (जीरो) नहीं होगा जैसा कि स्पेशल ट्रेनों के मामले में था।’
कोविड प्रोटोकॉल रहेंगे जारी
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लगाये गये प्रतिबंध प्रभावी रहेंगे, जैसे कि रियायत, बेड रोल (बिस्तर) और भोजन सेवाएं आदि पर पर अस्थायी प्रतिबंध जारी रहेगा। विशष ट्रेनों के परिचालन और किराये में रियायत नहीं देने से रेलवे के राजस्व में भी काफी वृद्धि देखी गई है। रेलवे ने यात्री मद से 2021-2022 की दूसरी तिमाही के दौरान पहली तिमाही की तुलना में 113 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है।