- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल की थी ई-रूपी की पेशकश।
- पीएम ने कहा था कि ई-रूपी डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देगा।
- आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
Cap on e-RUPI digital voucher hiked: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) ने गुरुवार को बड़ी घोषणाएं की। ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर (e-RUPI digital voucher) को लेकर भी गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने बड़ा ऐलान किया। केंद्रीय बैंक ने ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर की सीमा बढ़ाने की घोषणा की।
अगस्त 2021 में पेश किया गया था ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर
भारतीय रिजर्व बैंक ने ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। साथ ही लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के डिजिटल वितरण की सुविधा के लिए इसके कई बार उपयोग की इजाजत दी। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर को अगस्त 2021 में पेश किया गया था। तब इसे एक खास व्यक्ति और खास मकसद के लिए 10,000 रुपये के कैशलेस वाउचर के रूप में जारी किया गया था। इसे सिर्फ एक बार भुनाने की सुविधा थी।
कई बार उपयोग की अनुमति का प्रस्ताव
इस संदर्भ में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, 'लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के डिजिटल वितरण की सुविधा देने के लिए सरकारों द्वारा जारी किए गए ई-रूपी वाउचर की सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति वाउचर करने और ई-रूपी वाउचर के कई बार उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव है।'
क्या है e-RUPI वाउचर? (What is e-RUPI voucher)
डिजिटल वाउचर ई-रूपी एक QR कोड या एसएमएस आधारित ई-वाउचर है। इस सीधे लाभार्थी के मोबाइल में भेजा जाता है। दास ने कहा कि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों द्वारा अन्य उपयोग के मामलों पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जुलाई में ई-रूपी की पेशकश की थी, और कहा था कि वाउचर-आधारित प्रणाली देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएगी।
(इनपुट एजेंसी- भाषा)