नयी दिल्ली। कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को एक अनिर्धारित संवाददाता सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को बैंकों और अन्य विनियमित वित्तीय संस्थाओं से कहा कि केवाईसी अपडेट नहीं कराने वाले ग्राहकों के खिलाफ दिसंबर तक कोई दंडात्मक प्रतिबंध न लगाए।आरबीआई ने प्रोप्राइटरशिप फर्मों, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं और कानूनी संस्थाओं के हितकारी मालिकों जैसी ग्राहकों की नई श्रेणियों के लिए वीडियो केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) या वी-सीआईपी (वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया) का दायरा बढ़ाने का भी फैसला किया है।
महामारी के दौरान आरबीआई के अहम ऐलान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोविड महामारी से निपटने के लिए कदमों की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड से संबंधित प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए विनियमित संस्थाओं को सलाह दी जाती है कि ग्राहक खातों के लिए जहां समय-समय से केवाईसी अपडेट (अद्यतन करने की प्रक्रिया) लंबित है, वहां ग्राहक खाते के संचालन पर कोई दंडात्मक प्रतिबंध 31 दिसंबर 2021 तक लागू न किया जाए।’’
- अर्थ व्यवस्था उबरना शुरू हो गयी थी पर स्थित अब बदल गई है और ताजा संकट का सामना करना पड़ रहा है।
- आरबीआई कोविड-19 मामलों में फिर बढ़ोतरी से पैदा हुए हालात की लगातार निगरानी कर रहा है, सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- आरबीआई अर्थव्यवस्था में वित्तीय संसाधनों का प्रवाह बढ़ाने के लिए सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम (जी-सैप 1.0) के तहत 20 मई को 35,000 करोड़ रुपये की दूसरी खरीद करेगा।
- बैंकों 31 मार्च 2022 तक अस्पतालों, ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं, वैक्सीन आयातकों, कोविड दवाओं को 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज देंगे।
- आरबीआई ने 25 करोड़ रुपये तक कर्ज लेने वाले व्यक्तिगत, छोटे उधारकर्ताओं को ऋण के पुनर्गठन का दूसरा मौका दिया, यदि उन्हें पहली बार में इस सुविधा का लाभ न लिया हो तो।
- आरबीआई ने केवाईसी अनुपालन मानदंडों को तर्कसंगत बनाने की घोषणा की, कुछ श्रेणियों के लिए वीडियो-आधारित केवाईसी का प्रावधान किया।
- राज्य सरकारों को 30 सितंबर तक ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाने के नियमों में ढील दी।
- वायरस से लड़ने के लिए संसाधनों का उचित प्रबंधन करना होगा।
- खाद्य और ईंधन मुद्रास्फीति ने महंगाई को बढ़ा दिया है, हालांकि सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से खाद्य मुद्रास्फीति में मदद मिलने की उम्मीद है।
ऐसे में बैंक या विनियमित वित्तीय संस्थान किसी अन्य विधिक कारण को छोड़कर ग्राहक खातों पर दंडात्मक प्रतिबंध नहीं लगाएंगे।
दास ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करेगा कि वित्तीय हालात अनुकूल रहें और बाजार कुशलता से काम करता रहे। उन्होंने कहा, ‘‘इस मुश्किल घड़ी में हमारे नागरिक जिस परेशानी का सामना कर रहे हैं, हम सरकार के साथ मिलकर उस हालात में सुधार के लिए काम करेंगे। जरूरत पड़ने पर हम अपरंपरागत उपायों और नई प्रतिक्रियाओं को आजमाने के लिए भी तैयार हैं। हमें अपने भविष्य को भी ध्यान में रखना होगा, जो इस मोड़ पर भी उज्ज्वल दिखाई दे रहा है, और भारत दुनिया की सबसे अधिक तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरने के लिए तैयार है।’