- केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति समिति के नतीजे जारी कर दिए हैं।
- कोरोना काल में एमपीसी की बैठक 8 फरवरी को शुरू हुई थी।
- एमपीसी का नेतृत्व रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास करते हैं।
RBI Monetary Policy February Announcement: 8 फरवरी 2022 को शुरू हुई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक समाप्त हो गई है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति समिति में लिए गए फैसलों की घोषणा की।
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखी। पॉलिसी रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर है, रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार है। साथ ही मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट भी 4.25 फीसदी पर बरकरार है। यह लगातार 10वीं बार है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
क्या है रेपो रेट?
मालूम हो कि रेपो रेट से बैंकों का ब्याज दर तय होता है। अगर रेपो रेट बढ़ाया जाता है तो ब्याज बढ़ भी बढ़ती है, जिससे ग्राहकों पर लोन और ईएमआई का बोझ बढ़ जाता है। फिलहाल देश में ब्याज दरें रिकॉर्ड निचले लेवल पर हैं। रेपो रेट में आखिरी बाद मई 2020 में बदलाव किया गया था। तब भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे 0.40 फीसदी घटाया था, जिसके बाद से यह 4 फीसदी पर ही स्थिर है।
वृद्धि दर पर केंद्रीय बैंक का अनुमान
RBI ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अनुमान 7.8 फीसदी रखा है। पहली तिमाही में यह 17.2 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7 फीसदी रह सकती है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने आगे कहा कि 2022-23 की तीसरी तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी 4.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.3 फीसदी रह सकती है।
महंगाई पर केंद्रीय बैंक ने क्या कहा?
आरबीआई ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) वित्त वर्ष 2021-22 में 5.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया। चौथी तिमाही में यह 5.7 फीसदी रह सकती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सीपीआई इंफ्लेशन 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। 2022-23 की पहली तिमाही में महंगाई 4.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रह सकती है।
मौद्रिक नीति समिति की खास बातें
- आरबीआई ने Accomodative रुख बनाए रखा है।
- महंगाई चालू तिमाही में बढ़ेगी लेकिन यह दायरे में रहेगी, अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नरम होगी: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास।
- वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में तेजी से महंगाई का जोखिम बढ़ गया है।
- महामारी की तीसरी लहर से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि संपर्क से जुड़े क्षेत्रों में मांग नरम हुई है।
- कुल मिलाकर बैंकों में अधिशेष नकदी की स्थिति बनी हुई है।
- अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है।
- केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि, ई रूपी डिजिटल वाउचर की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये तक करने की अनुमति दी गई है।
आरबीआई की घोषणाओं के बाद उछला बाजार
आरबीआई गवर्नर की घोषणाओं के बाद घरेलू बाजार में तेजी आई। सुबह 10:43 बजे सेंसेक्स 0.70 फीसदी, 408.41 अंक ऊपर 58,874.38 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इन दौरान निफ्टी 106.40 अंक यानी 0.61 फीसदी ऊपर 17,570.20 के स्तर पर था। ऑटो और एफएमसीजी के अलावा सभी सेक्टर्स हरे निशान पर थे। इनमें बैंक, फाइनेंस सर्विस, आईटी, मीडिया, मेटल, फार्मा, पीएसयू बैंक, प्राइवेट बैंक और रियल्टी शामिल हैं।