- ओमीक्रोन के चलते आरबीआई ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति बनाए रख सकता है।
- इससे पहले अक्टूबर में बेंचमार्क पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
- पिछली बैठक में केंद्रीय बैंक ने 2021-22 के लिए CPI मुद्रास्फीति 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
RBI Monetary Policy: नए कोरोना वायरस वैरिएंट ओमीक्रोन (New Coronavirus Variant Omicron) के चलते वैश्विक स्तर पर डर के बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति बनाए रख सकता है।
आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) की अध्यक्षता वाली एमपीसी की बैठक शुरू हो गई। यह 8 दिसंबर 2021 तक चलेगी और आठ दिसंबर को ही दर निर्धारण पैनल के निर्णय की घोषणा होगी। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने अक्टूबर में बेंचमार्क पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।
कोटक इकोनॉमिक रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कोविड-19 के नए संस्करण के बारे में अनिश्चितता के साथ, आरबीआई दरों पर निर्णायक रूप से आगे बढ़ने से पहले कुछ स्पष्टता की प्रतीक्षा कर सकता है।
वहीं संपत्ति सलाहकार एनारॉक (Anarock) ने कहा कि ऐसी उम्मीदें थीं कि आरबीआई आगामी मौद्रिक नीति के दौरान रिवर्स रेपो दर को मामूली बढ़ोतरी कर सकता है। एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि, यह संभावना है कि आर्थिक सुधार के समय में ओमीक्रोन चिंताओं के चलते आरबीआई मौजूदा स्थिति को बनाए रखेगा। इसलिए, होम लोन ग्राहक कुछ और समय के लिए कम ब्याज दर का फायदा उठा सकते हैं।
आखिरी बार 22 मई 2020 को हुआ था दरों में बदलाव
अगर केंद्रीय बैंक बुधवार को नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रखता है, तो यह लगातार नौवीं बार होगा क्योंकि जब दरें अपरिवर्तित होंगी। आरबीआई ने इससे पहले 22 मई 2020 को डिमांड बढ़ाने के लिए एक ऑफ-पॉलिसी साइकल में ब्याज दर को ऐतिहासिक निम्न स्तर पर कटौती करके नीतिगत दर को संशोधित किया था।
इतना है मुद्रास्फीति का अनुमान
केंद्र सरकार (central government) ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) 2 फीसदी के मार्जिन के साथ 4 फीसदी पर बनी रहे। अक्टूबर में हुई एमपीसी बैठक में केंद्रीय बैंक ने 2021-22 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। दूसरी तिमाही में 5.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.5 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी का अनुमान जताया गया था। इसी के साथ 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है।