- विकास के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
- लगातार बढ़ती महंगाई के बीच आरबीआई के सामने कई चुनौतियां हैं।
- लगातार 11वीं बार केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया।
RBI on GDP and Inflation: आज द्विमासिक मौद्रिक नीति (RBI Monetary Policy) की घोषणाएं करते समय भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी की वजह से पैदा हुई सुस्ती से उबर रही है। क्रूड ऑयल की कीमत में उछाल से महंगाई बढ़ सकती है। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से आर्थिक पुनरुद्धार धीमा हो सकता है।
आरबीआई ने कम किया वृद्धि दर का अनुमान
इसकी वजह से भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि दर अनुमान को 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। पिछले दो महीनों में 'बाहरी' घटनाक्रमों की वजह से घरेलू वृद्धि के नीचे जाने और मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम पैदा हुआ है। दास ने कहा, 'वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वास्तविक वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में यह 16.2 फीसदी, दूसरी में 6.2 फीसदी, तीसरी में 4.1 फीसदी और चौथी तिमाही में यह चार फीसदी रहेगी।'
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हवाई यातायात की स्थिति में सुधार
उन्होंने कहा कि यह अनुमान इस धारणा पर आधारित है कि 2022-23 में भारत द्वारा खरीदे जाने वाले कच्चे तेल का औसत दाम 100 डॉलर प्रति बैरल रहेगा। इससे पहले इसी साल जनवरी में पेश की गई आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर के 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि महामारी से संबंधित पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद मार्च में हवाई यातायात की स्थिति सुधरी है।
उन्होंने कहा, 'हमारे सर्वे के अनुसार उपभोक्ताओं का भरोसा सुधर रहा है और परिवारों का परिदृश्य बेहतर हुआ है।' रबी सत्र की फसल अच्छी रहेगी जिससे ग्रामीण मांग में सुधार होगा। वहीं संपर्क-गहन सेवा क्षेत्रों की स्थिति में सुधार से शहरी मांग मजबूत होगी।
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मुद्रास्फीति का बढ़ा अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया। भू-राजनीतिक तनाव के बीच वैश्विक स्तर पर कीमतों में आए उछाल के चलते केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। हालांकि, रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि रबी की फसल अच्छी रहने से अनाज और दलहनों के दाम नीचे आएंगे।
खाद्य वस्तुओं और धातुओं की कीमतों में उछाल
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे की घोषणा करते हुए कहा, 'वैश्विक स्तर पर खाद्य वस्तुओं और धातुओं की कीमतों में उछाल आया है। अर्थव्यवस्था बढ़ती मुद्रास्फीति से प्रभावित है। 2022-23 में मुद्रास्फीति के 5.7 फीसदी रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में यह 6.3 फीसदी, दूसरी तिमाही में पांच फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.1 फीसदी रहेगी।'
(एजेंसी इनपुट के साथ)