- पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया था
- महंगाई दर 6% के पार निकल गई है
- चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5% की गिरावट का अनुमान है
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक बुधवार से चल रही हुई। बैठक के नतीजों की घोषणा आज (4 दिसंबर) की जाएगी। आरबीआई की अक्टूबर की पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी ऊंची महंगाई दर की वजह से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया था। हाल में महंगाई दर 6% के पार निकल गई है। आरबीआई का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5% की गिरावट आएगी। ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भी खुदरा महंगाई दर के उच्चस्तर पर होने की वजह से ब्याज दरों को बदलाव नहीं किया जाएगा। आरबीआई इस साल फरवरी से नीतिगत दर या रेपो रेट में 1.15% की कटौती कर चुका है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर ऊंची होने की वजह से आरबीआई नीतिगत दरों में कटौती नहीं करेगा।
आर्थिक गतिविधियों में काफी सुधार
यस सिक्योरिटीज के सीनियर चेयरमैन एवं संस्थागत अनुसंधान प्रमुख अमर अंबानी ने कहा कि चक्रीय संकेतक और जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियों में काफी सुधार हुआ है, जबकि खुदरा महंगाई दर उच्चस्तर पर बनी हुई है। ऐसे में हमारा मानना है कि दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती नहीं होगी। इसके साथ ही फरवरी, 2021 की मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की गुंजाइश भी अब मुश्किल लग रहा है। अंबानी ने हालांकि कहा कि आरबीआई अपने वृद्धि के अनुमान को बढ़ा सकता है।
घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार पर गौर की जाएगी
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा है कि मौद्रिक नीति समिति कोई निर्णय करने से पहले घरेलू अर्थव्यवस्था में शुरुआती सुधार पर गौर करेगी। साथ ही वह अर्थव्यवस्था के नीचे जाने के जोखिमों पर भी विचार करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि आरबीआई नीतिगत दर को 4% पर कायम रखते हुए अपने नरम रुख को जारी रखेगा।
नरम रुख जारी रखेगा आरबीआई
पील-वर्क्स प्राइवेट लि. के संस्थापक सचिन छाबड़ा ने कहा कि सरकार के प्रोत्साहन उपायों तथा आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति के जरिए हस्तक्षेप से अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों की स्थिति सामान्य हुई है। हालांकि, एमएएसएमई और एसएमई सेक्टर के लिए अभी काफी कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि आरबीआई अपने नरम रुख को जारी रखेगा। ब्रिकवर्क रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट जारी है। ऐसे में हमारा मानना है कि एमपीसी अपने नरम मौद्रिक रुख को जारी रखेगी।