- प्रवासी मजदूर के लिए रिलायंस ने देश में ‘मिशन अन्न सेवा’ शुरू की।
- करीब 27 लाख लोगों के लिए 5 करोड़ 50 लाख भोजन की व्यवस्था की।
- रिलायंस ने भोजन के बाद बड़ी मात्रा में मेडिकल ग्रेड की ऑक्सीजन का प्रबंध किया।
नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2020-21 में ‘कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी’ यानी सीएसआर के तहत 1,140 करोड़ रुपए खर्च किए। पूरा वर्ष देश कोरोना से जूझता रहा इसलिए रिलायंस के सीएसआर का बड़ा हिस्सा ‘मिशन अन्न सेवा’, आपदा प्रबंधन, ऑक्सीजन और कोरोना उपचार हेतु स्वास्थ्य सेवाएं खड़ा करने पर खर्च हुआ। इसके अलावा रूरल ट्रांसफॉर्म, एजुकेशन और खेलों के विकास पर भी बड़ी रकम खर्च की गई। पिछले वर्ष सीएसआर के तहत रिलायंस का कुल खर्च 1,022 करोड़ था।
कोरोना की पहली लहर में जब प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे थे तब रिलायंस ने देश में ‘मिशन अन्न सेवा’ शुरू की। किसी भी कॉर्पोरेट द्वारा चलाया गया यह देश का सबसे बड़ा भोजन वितरण कार्यक्रम है। रिलायंस ने करीब 27 लाख लोगों के लिए 5 करोड़ 50 लाख भोजन की व्यवस्था की। भोजन के बाद बड़ी मात्रा में मेडिकल ग्रेड की ऑक्सीजन का प्रबंध रिलायंस ने किया। दुनिया की सबसे बड़ी रिफायनरी, देश की सबसे बड़ी ऑक्सीजन उत्पादक बन कर सामने आई। आज रिलायंस की जामनगर रिफायनरी में करीब 1000 मीट्रीक टन ऑक्सीन बना कर फ्री में जरूरतमंद राज्यों को दी जा रही है।
रोगियों को सही इलाज मिले इसलिए रिलायंस ने कोविड मरीजों के लिए 23 सौ बेड्स का संचालन और प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया है। इसमें मुंबई मे स्थित देश का पहला कोविड अस्पताल भी शामिल है। इस दौरान 14 हजार एंबुलेंस को साढ़े पांच लाख लीटर ईंधन फ्री दिया गया। फ्रंट लाइन वर्कर्स को 81 लाख मास्क बांटे गए। जब देश में पीपीई किट का अकाल था तब रिलायंस ने अपने सिलवासा प्लांट में 1 लाख पीपीई किट और मास्क बनाने शुरू कर दिए थे। अपने कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन का सुरक्षा चक्र मिले इसलिए सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए 50 हजार टीकों की व्यवस्था रिलायंस कर रहा है।
रूरल ट्रांसफॉर्मेशन के तहत रिलायंस ने गांवों में 131 लाख क्यूबिक मीटर जल संचयन क्षमता का निर्माण किया है। ग्राम प्रशासन बेहतर हो इसके लिए 10 हजार के करीब निर्वाचित प्रतिनिधियों और ग्राम सेवकों को प्रशिक्षित किया है। बेरोजगारों को रोजगार के लिए 20 राज्यों के 150 शहरों में 8,800 बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
रिलायंस ने मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू), स्टेटिक मेडिकल यूनिट (एसएमयू) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के माध्यम से 2.3 लाख रोगियों को इलाज किया। आधी आबादी के लिए जनवरी 2021 में वन स्टॉप ब्रेस्ट क्लिनिक खोला गया है। बच्चों पर कुपोषण का प्रभाव कम से कम हो इसलिए रिलायंस ने कम लागत वाले 10,000 से अधिक रिलायंस न्यूट्रीशन गार्डन बढ़ावा दिया। इन न्यूट्रीशन गार्डन को घर में ही लगाया जा सकता है और परिवार की भोजन जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।
रिलायंस फाउंडेशन ने भारत में बच्चों और युवाओं के बीच नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए खेलों को चुना है। स्थापना के बाद से, रिलायंस फिटनेस प्रशिक्षण, पोषण और कोचिंग के माध्यम से देश भर में 2.15 करोड़ युवाओं तक पहुंच चुकी है। वर्तमान में, रिलायंस ओलंपिक खेलों और अन्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन और भारोत्तोलन में 11 एथलीटों को सपोर्ट कर रहा है।