नई दिल्ली: इस त्यौहारी सीजन, रिलायंस रिटेल ने 30 हजार से अधिक कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों के 40 हज़ार से अधिक उत्पादों को प्रदर्शित किया। कला के इन 600 से अधिक रूपों को 50 से अधिक जीआई क्लस्टर से चुना गया है। कारीगरों, बुनकरों और शिल्पकारों को मेहनत का सही दाम मिले और ग्राहकों को भी विश्वसनीय सामान प्राप्त हो इसके लिए रिलायंस जियो ने तीन साल पहले “इंडी बाय AJIO”और “स्वदेश” नाम से फ्लैगशिप प्रोग्राम चलाया था।
रिलायंस फैशन एंड लाइफस्टाइल के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “पिछले कुछ वर्षों में शिल्प क्षेत्र में हमारे विकास के प्रयास से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। शिल्पकारों और उत्पादों की संख्या बढ़ी है और साथ ही उपभोक्ताओं द्वारा इन प्रोडक्टस को तेजी से स्वीकार किया जा रहा है।“
“इंडी बाय AJIO” स्थानीय कारीगरों के लिए एक ऑनलाइन बाज़ार
“इंडी बाय AJIO” स्थानीय कारीगरों और दस्तकारी उत्पादों के लिए एक ऑनलाइन बाज़ार है। भारत के शानदार वस्त्र उत्पादों और हथकरघा परंपराओं को सावधानी और खूबसूरती के साथ चुना गया है। परिधान से लेकर होम फर्निशिंग और सहायक उपकरण जैसे व्यापक जीवन शैली के उत्पाद, आभूषण और जूते आदि AJIO प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।
जामदानी, तांगड़, चंदेरी जैसे क्राफ्ट्स इसमें शामिल
इकत, शिबोरी, बनारसी, बाग, अजरख से जामदानी, तांगड़, चंदेरी जैसे क्राफ्ट्स इसमें शामिल हैं। भारत भर में 50 से अधिक जीआई शिल्प समूहों से इंडी रेंज को सजाया गया है। इसमें गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, बिहार, झारखंड सहित तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। प्राकृतिक उत्पाद, हस्तशिल्प या स्थानीय निर्मित सामान जो किसी क्षेत्र या क्षेत्र के मूल निवासी द्वारा बनाए गए हों साथ ही इलाके की अनूठी विशेषताओं से सराबोर हो ऐसे उत्पादों को जीआई शिल्प समूहों में शामिल किया जाता है। विशाल भारतीय कारीगरी से परिचित कराने और उपभोक्ताओं के दरवाजे तक इन प्रोडक्ट को पहुंचाने में रिलायंस रिटेल ग्राहकों की मदद कर रहा है। इससे कारीगरों की अजीविका को भी सहारा मिल रहा है।