- सरकार ने किसानों को राहत देने का फैसला लिया
- ब्याज सहायता योजना और लोन को समय पर भुगतान के लिए ब्याज प्रोत्साहन अवधि को बढ़ा दिया गया है
- यह सुविधा किसानों को 3 लाख रुपए तक के लघु अवधि के फसल लोन पर मिलती है
मुंबई : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में 21 दिन का लॉकडाउन 25 मार्च को लागू किया गया था। बाद में इसे 19 दिन और बढ़ाकर 3 मई कर दिया गया। इससे आर्थिक गतिविधियां रूक गईं। किसान समते सभी वर्ग के लोगों को नुकसान हुआ। सरकार ने किसानों को राहत देने का फैसला लिया। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने किसानों के लिए 2% की ब्याज सहायता योजना और लोन को समय पर भुगतान के लिए 3% ब्याज प्रोत्साहन को 31 मई, 2020 तक बढ़ा दिया है। आरबीआई ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर बैंकों को किसानों को फसल लोन पर ब्याज सहायता योजना (आईएस) और तुरंत पैमेंट प्रोत्साहन (पीआरआई) अवधि को बढ़ाने का निर्देश दिया है।
सभी लोन के किस्त के भुगतान पर 3 महीने की रोक
केंद्रीय बैंक के 27 मार्च, 2020 के सर्कुलर के अनुसार एक मार्च, 2020 से 31 मई, 2020 तक 3 महीने के लिए लघु अवधि के फसल लोन समेत सभी लोन के किस्त के भुगतान पर 3 महीने की रोक रहेगी। अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना वायरस की वजह से लागू देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से लोगों की आवाजाही पर रोक है। इस वजह से किसान अपने लघु अवधि के फसल लोन के बकाए का भुगतान करने के लिए बैंक के ब्रांच तक नहीं जा पा रहे हैं।
प्रोत्साहन 31 मई, 2020 तक जारी रखने का फैसला
इसमें कहा गया है कि इसी के अनुरूप किसानों को ब्याज भुगतान में जुर्माने से बचाने और उन्हें ब्याज सहायता योजना का लाभ जारी रखने के लिए सरकार ने 2% ब्याज सहायता और लोन के समय पर भुगतान के लिए ब्याज में मिलने वाली 3% प्रोत्साहन को 31 मई, 2020 तक जारी रखने का फैसला किया है। यह सुविधा किसानों को तीन लाख रुपए तक के लघु अवधि के फसल लोन पर मिलती है।
समय पर लोन का भुगतान करने वाले को अतिरिक्त छूट
आरबीआई ने कहा कि इस कदम से किसानों को लाभ होगा। इससे उन्हें मई अंत तक ब्याज सहायता योजना और ब्याज प्रोत्साहन का लाभ मिल सकेगा। किसानों को 3 लाख रुपए का लघु अवधि का फसल लोन 7% सालाना ब्याज पर दिया जाता है। इसमें से 2% सरकार सालाना आधार पर बैंकों को ब्याज सहायता के रूप में देती है।