नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को सलाह दी है। दास ने कहा है कि युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को अपनी लॉन्ग टर्म स्थिरता के लिए रिस्क और कमजोरियों की लगातार समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय व्यवसायों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे महामारी के बाद कितनी जल्दी नई वास्तविकताओं के अनुकूल हो पाते हैं।
व्यापार के लिए उठाना पड़ता है रिस्क
दास ने मुंबई में भारतीय व्यापार: अतीत, वर्तमान और भविष्य पर भाषण दिया। यह केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के आइकॉनिक सप्ताह समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित राष्ट्र निर्माण पर पब्लिक लेक्टर की सीरीज में से पहला था। उन्होंने कहा कि व्यापार करने के लिए रिस्क उठाना पड़ता है। लेकिन जोखिम लेने से पहले इसके बारे में सावधानी से विचार करना होगा।
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समारोह में राजस्व सचिव तरुण बजाज भी मौजूद
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की जानकारी में आने वाले कुछ अनुचित व्यापार मॉडल में अनुचित फंडिंग संरचना, परिसंपत्ति देनदारी में असंतुलन जैसे तत्व देखने को मिले हैं। इसके अलावा वृद्धि के अवसरों और बाजार के रुझानों के बारे में ज्यादा आशावाद खराब रणनीतिक निर्णयों को जन्म दे सकता है। मालूम हो कि इस मौके पर राजस्व सचिव तरुण बजाज और सीबीआईसी के चेयरमैन विवेक जौहरी भी मौजूद थे।
व्यवसायों को इससे बचना चाहिए
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि व्यवसायों को आक्रामक शॉर्ट टर्म लाभ पाने की संस्कृति से बचना चाहिए। बहीखातों पर पड़ने वाले अत्यधिक रिस्क का आकलन किए बिना ऐसा करना गलत है।
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