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केंद्रीय बैंक ने जारी की लोकपाल योजनाओं की रिपोर्ट, सालाना आधार पर 22 फीसदी बढ़ी शिकायतें

Updated Jan 12, 2022 | 17:57 IST

RBI releases Annual Report of Ombudsman Schemes: भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2020-21 के लिए लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है।

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केंद्रीय बैंक ने जारी की लोकपाल योजनाओं की रिपोर्ट (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • केंद्रीय बैंक ने लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 जारी कर दी है।
  • लोकपाल योजनाओं के तहत कुल 3,03,107 शिकायतें दर्ज हुई।
  • बैंकिंग लोकपाल योजना के तहत 2,73,204 शिकायतें मिली।

RBI releases Annual Report of Ombudsman Schemes: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वर्ष 2020-21 के लिए लोकपाल योजनाओं (Ombudsman Schemes) की सालाना रिपोर्ट जारी कर दी है। इसे नौ महीने की अवधि यानी 1 जुलाई 2020 से 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए तैयार किया गया है। इस सालाना रिपोर्ट में बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006 (Banking Ombudsman Scheme, BOS) नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के लिए लोकपाल योजना, 2018 (OSNBFC) और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, 2019 (OSDT) के तहत गतिविधियों को शामिल किया गया है।

दर्ज हुई कुल 3,03,107 शिकायतें 
रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों लोकपाल योजनाओं के तहत प्राप्त शिकायतों की मात्रा में वार्षिक आधार पर 22.27 फीसदी की वृद्धि हुई। अवधि के दौरान कुल शिकायतें 3,03,107 रही। तीन लोकपाल योजनाओं में बैंकिंग लोकपाल योजना के तहत 90.13 फीसदी यानी कुल 2,73,204 शिकायतें मिली। OSNBFC और OSDT के तहत प्राप्त शिकायतों की संख्या कुल शिकायतों की संख्या में क्रमशः 8.89 फीसदी और 0.98 फीसदी रही।

इन मुद्दों से जुड़ी थी ज्यादातर शिकायतें
बैंकिंग लोकपाल योजना के अंतर्गत ज्यादातर शिकायतें एटीएम या डेबिट कार्ड, मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी थीं। OSNBFC के तहत ज्यादातर शिकायतें उचित व्यवहार संहिता का पालन न करना, आरबीआई के निर्देशों का पालन न करना और पूर्व सूचना के बिना शुल्क लगाने से जुड़ी थीं। शिकायतों की अधिक मात्रा के बावजूद, डिस्पोजल रेट पिछले वर्ष के 92.52 फीसदी से बढ़कर 96.59 फीसदी हो गई। इसका श्रेय सीएमएस में शिकायत प्रोसेसिंग के एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण को दिया जा सकता है। 

साल के दौरान उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण विभाग (CEPD) ने शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने के कई दकम उठाए। 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के दौरान उपभोक्ता जागरूकता और वित्तीय शिक्षा की दिशा में पहल तेज करने की योजना है।

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