नयी दिल्ली: ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी ने अमेरिका और अन्य जगहों पर रेट्रो कर मामले में भारत सरकार और उसकी संस्थाओं के खिलाफ मुकदमे वापस ले लिए हैं।कंपनी पेरिस और नीदरलैंड में मुकदमे वापस लेने के अंतिम चरण में है। ये मुकदमे रेट्रो कर यानी पिछली तिथि से लागू कर के खिलाफ किए गए थे।
कंपनी ने सरकार के साथ रेट्रो कर लगाने के सात साल पुराने विवाद का निपटारा करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई न्यायालयों में दायर मुकदमों को वापस लेने के लिए कार्यवाही शुरू की है। भारत सरकार केयर्न को करीब 7,900 करोड़ रुपये लौटाएगी।इससे पहले एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने पिछली तिथि से कर के फैसले को उलट दिया था और भारत को आदेश दिया था कि वह वसूले गए कर को वापस करे।
केयर्न ने 15 दिसंबर को भारत सरकार से बकाया धन की वसूली के लिए एयर इंडिया की संपत्ति को जब्त करने के लिए न्यूयार्क की एक अदालत में किए गए मुकदमे को वासप ले लिया। इसी दिन ऐसा ही कदम वाशिंगटन की एक अदालत में उठाया गया।सूत्रों ने कहा कि फ्रांस की एक अदालत में ऐसा ही एक महत्वपूर्ण मुकदमा वापसी के अंतिम चरण में है, जिसमें केयर्न की याचिका पर भारतीय संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी किया गया था। इस संबंध में अगले दो दिनों में कागजी कार्रवाई पूरी होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि नीदरलैंड में भी एक मुकदमे को वापस लेने की कागजी कार्रवाई अंतिम चरण में है। केयर्न एनर्जी पीएलसी ने पिछले महीने कहा था कि पिछली तिथि से कर लगाने से पैदा हुए विवाद के निपटारे के लिए भारत सरकार की पेशकश को उसने स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद मुकदमे वापस लेने पर सहमति बनी।