- रिलायंस ने सिंटेक्स इंडस्ट्रीज के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रस्ट जमा किया है।
- सिंटेक्स इंडस्ट्रीज अरमानी (Armani), Hugo Boss और बरबेरी (Burberry) जैसे वैश्विक फैशन ब्रांडों को फैब्रिक सप्लाई करती है।
- कंपनी ने एसेट्स केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज लिमिटेड के साथ मिलकर इसके लिए ईओआई सबमिट किया।
नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े रईस शख्स मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) ने एसेट्स केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज लिमिटेड (ACRE) के साथ साझेदारी में दिवालिया हो चुकी सिंटेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Sintex Industries Ltd) के लिए EoI यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रस्ट जमा किया है। एसेट्स केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज लिमिटेड में ऑल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट मैनेजर Ares SSG Capital की हिस्सेदारी है।
कुल मिलाकर, रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को टेक्सटाइल कंपनी के लिए 16 ईओआई मिले हैं। अन्य ईओआई आवेदकों में एडलवाइस ऑल्टरनेटिव एसेट्स एडवाइजर्स लिमिटेड, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ऑफ इंडिया, प्रूडेंट एआरसी, लुधियाना स्थित ट्राइडेंट लिमिटेड, बैंगलोर स्थित हिमासिंका वेंचर्स, पंजाब स्थित लोटस होमटेक्सटाइल, मुंबई स्थित इंडोकाउंट इंडस्ट्रीज, नितिन स्पिनर्स और जीएचसीएल लिमिटेड शामिल हैं। इकोनॉमिक टाइम्स ने एक रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है।
इन वैश्विक फैशन ब्रांड्स को कपड़े देती है सिंटेक्स इंडस्ट्रीज
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, सिंटेक्स इंडस्ट्रीज अरमानी (Armani), Hugo Boss, डीजल (Diesel) और बरबेरी (Burberry) जैसे वैश्विक फैशन ब्रांडों को कपड़े प्रदान करती है। जल भंडारण टैंक बनाने वाली सिंटेक्स प्लास्टिक टेक्नोलॉजी लिमिटेड को 2017 में सिंटेक्स इंडस्ट्रीज से अलग कर दिया गया था।
व्यापार दैनिक ने एक ऋणदाता का हवाला देते हुए कहा किया कि ऐसा बहुत कम बार हुआ है जब रिलायंस ने औपचारिक रूप से एक दिवालिया कंपनी के लिए ईओआई प्रस्तुत किया है जो कॉर्पोरेट दिवाला और समाधान प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रही है। इससे पहले रिलायंस ने जेएम फाइनेंशियल एआरसी के साथ साझेदारी में आलोक इंडस्ट्रीज (Alok Industries) के लिए बोली जमा की थी। बाद में इसने उस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया।
गुजरात स्थित टेक्सटाइल कंपनी के खिलाफ इस साल अप्रैल में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की अहमदाबाद बेंच में इनसॉल्वेंसी प्रोसेस शुरू हुआ था। कंपनी इनवेस्को एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को 15.4 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर पाई थी। रिजॉल्यूशन पेशेवर पिनाकिन शाह ने 27 वित्तीय लेनदारों से 7,534.6 करोड़ रुपये के दावों को स्वीकार किया है।
कंपनी के ऋणदाताओं में एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आरबीएल, आदित्य बिड़ला फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं। वहीं विभिन्न स्टॉक एक्सचेंजों के अनुसार, कम से कम तीन बैंकों- पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और कर्नाटक बैंक ने कंपनी के खाते को फ्रॉड घोषित किया है।