- डॉलर सूचकांक 0.06 फीसदी घटकर 102.48 रह गया।
- यह छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की स्थिति को बताता है।
- विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे।
Rupee vs Dollar: कच्चे तेल की कीमत में लगातार तेजी हो रही है। एक महीने में क्रूड ऑयल का दाम 25 फीसदी महंगा हुआ है। अब रुपया भी डराने लगा है। गुरुवार को कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 77.82 के रिकॉर्ड निचले स्तर (Rupee At All Time Low) पर पहुंच गया। यह आजाद भारत के इतिहास में रुपये का सबसे निचला स्तर है। कारोबार के अंत में विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 77.77 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। इससे भारत में इंपोर्ट बिल की चिंता और भी बढ़ गई है।
आखिर रुपये में इतनी गिरावट क्यों आई, आइए जानते हैं एक्सपर्ट से-
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दरअसल कच्चे तेल की कीमत के उच्च स्तर पर पहुंचने से और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बाजार से लगातार पूंजी निकासी से रुपये की विनिमय दर में गिरावट द्रज की गई है। मालूम हो कि अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 77.74 पर कमजोर स्तर पर खुला था। जबकि इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरते हुए 10 पैसे की तेजी के साथ 77.68 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था।
महंगाई बढ़ने की आशंका
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 2,484.25 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। रुपये में और गिरावट से लोगों पर महंगाई की मार पड़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे समय में विदेश से होने वाला आयात महंगा हो सकता है। रुपया जिनता कमजोर होगा, उतनी ही महंगाई बढ़ेगी। अमेरिका की ऊंची महंगाई दर से फेड का रुख सख्त है।
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