नई दिल्ली: आवासों की बिक्री जनवरी-मार्च अवधि में 29 प्रतिशत घटी है। सात प्रमुख शहरों में इस दौरान मात्र 27,451 आवास बिके और 3.65 लाख करोड़ रुपये के मकान बिक्री के लिए तैयार खड़े थे।संपत्ति सलाहकार कंपनी जेएलएल ने अपनी रपट में कहा कि कोरोना वायरस संकट को देखते हुए अभी ज्यादा खरीदार नहीं हैं। रपट के मुताबिक समीक्षावधि में आवास बिक्री 29 प्रतिशत घटकर 27,451 इकाई रह गयी है। जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 38,628 मकानों की बिक्री हुई थी।
जेएलएल की यह त्रैमासिक रपट दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद शहरों से जुटाए आंकड़ों पर आधारित है। सभी सातों शहरों में बिक्री में गिरावट दर्ज की गयी है। जेएलएल ने कहा कि पिछले पांच साल में आवासों की बिक्री में यह दूसरी बड़ी गिरावट है। इससे पहले जनवरी-मार्च 2017 में आवास बिक्री में 37 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी।
सबसे ज्यादा गिरावट बेंगलुरू में 52 प्रतिशत रही। यहां इस दौरान सिर्फ 4,186 आवासों की बिक्री हुई। मुंबई में यह 19 प्रतिशत गिरकर 6,857 इकाई, चेन्नई में 8 प्रतिशत घटकर 2,453 इकाई, दिल्ली-एनसीआर और पुणे में 18 प्रतिशत की कमी के साथ क्रमश: 5,941 आवास और 3,728 आवास रही। कोलकाता में भी इसमें 35 प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 1,259 इकाई रहह। जबकि हैदराबाद में आवास बिक्री 41 प्रतिशत 3,027 आवास रही। इस अवधि में 40,574 नयी आवास इकाइयों की पेशकश की गयी।
बाजार में बिना बिके खाली पड़े मकानों की संख्या बढ़कर 4,55,351 इकाई हो गयी जो 2019 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4,42,228 इकाई थी। इनका कुल मूल्य 3,65,100 करोड़ रुपये के आसपास है। जेएलएल इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश नायर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते अर्थव्यवस्था की रफ्तार कमजोर होने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में यह पांच प्रतिशत से नीचे जा सकती है। हालांकि वैश्विक वित्तीय संकट के मुकाबले आवास रियल एस्टेट बाजार वर्तमान लाभ की स्थिति में दिख रहा है। इसकी बड़ी वजह सरकार के पिछले पांच-छह साल में किए गए कुछ बुनियादी सुधार हैं। कोरोना वायरस को लेकर जब स्थिति सामान्य होगी तब लोगों को वाजिब दाम पर मकान मिल सकते हैं। बैंकों के पास ऋण देने के लिए अधिक धन उपलब्ध होने से भी बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है।