देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर मिलने वाली ब्याज दरों में बदलाव किया है। SBI ने 10 सितंबर से प्रभावी मैच्योरिटी पर ब्याज दर को घटा दिया। नई ब्याज दर 10 सितंबर से प्रभावी हो गई हैं। बैंक ने 1 वर्ष से लेकर दो वर्ष से कम के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर ब्याज दरों को 20 बेसिस प्वाइंट (बीपीएस) घटा दिया है। ब्याज की प्रस्तावित दरें नए जमा और मैच्योरिटी होने वाले डिपॉजिट पर लागू की जाएंगी। एसबीआई ने इससे पहले 27 मई को फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में संशोधन किया था।
लेटेस्ट संशोधन के बाद, 7 दिनों से 45 दिनों के बीच एसबीआई की एफडी पर अब 2.9% ब्याज मिलेगा। 46 दिनों से 179 दिनों के बीच के टर्म डिपॉजिट पर 3.9% मिलेंगे। एक वर्ष से कम 180 दिनों की एफडी पर 4.4% ब्याज मिलेगा। एक वर्ष और 2 वर्ष से कम की मैच्योरिटी पर अब 4.9% ब्याज मिलेगा। 2 साल और 3 साल से कम की अवधि में मैच्योरिटी होने वाली एफडी पर अब 5.1% ब्याज मिलेगा। 3 साल और 5 साल के कम अवधि पर 5.3% ब्याज मिलेगा। 5 साल और 10 साल तक के मैच्योरिटी डिपॉजिट पर 5.4% ब्याज दिया जाएगा।
आम लोगों के लिए SBI में FD पर नई ब्याज दरें
अवधि | नई ब्याज दरें |
7 दिन से 45 दिनों तक | 2.9% |
46 दिनों से 179 दिनों तक | 3.9% |
180 दिनों से 210 दिनों तक | 4.4% |
211 दिनों से 1 साल कम तक | 4.4% |
1 साल से लेकर 2 साल से कम तक | 4.9% |
2 साल से लेकर 3 साल से कम तक | 5.1% |
3 साल से लेकर 5 साल से कम तक | 5.3% |
5 साल से लेकर 10 साल तक | 5.4% |
सीनियर सिटिजन के लिए SBI में FD पर नई ब्याज दरें
एसबीआई सीनियर सिटिजन्स को सभी टेन्योर्स में एक्स्ट्रा 50 बीपीएस ब्याज दर प्रदान करता है। लेटेस्ट संशोधन के बाद, सीनियर सिटिजन्स को 7 दिनों से 10 वर्षों तक मैच्योरिटी होने वाली एफडी पर 3.4% से 6.2% मिलेगा।
अवधि | नई ब्याज दरें |
7 दिन से 45 दिनों तक | 3.4% |
46 दिनों से 179 दिनों तक | 4.4% |
180 दिनों से 210 दिनों तक | 4.9% |
211 दिनों से 1 साल कम तक | 4.9% |
1 साल से लेकर 2 साल से कम तक | 5.4% |
2 साल से लेकर 3 साल से कम तक | 5.6% |
3 साल से लेकर 5 साल से कम तक | 5.8% |
5 साल से लेकर 10 साल तक | 6.2% |
सीनियर सिटिजन्स के लिए एसबीआई ने विशेष एफडी योजना SBI Wecare लेकर आया है। जिसमें जमा पर 30 बीपीएस (मौजूदा 50 बीपीएस से अधिक) के अतिरिक्त दिया जाएगा। SBI Wecare जमा स्कीम 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाया गया है।