भारत की पहली सीप्लेन सेवा (Seaplane Service) का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अक्टूबर महीने में किया था, यह सीप्लेन सेवा (seaplane service) अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट से केवड़िया के बीच चलाई जाती है, जिसके जरिये सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तक पहुंचा जाता है वहीं ऐसी ही योजना को दिल्ली में चलाने को लेकर विचार किया जा रहा है।
साबरमती के बाद, दिल्ली के यमुना रिवरफ्रंट से सी-प्लेन सेवाएं शुरू करने की रूपरेखा पर विचार किया जा रहा है, केंद्रीय बंदरगाह मंत्रालय, जहाजरानी और जलमार्ग ने इस विषय पर इच्छुक कंपनियों से विस्तार से जानकारी मांगी है।
मंत्रालय ने कहा कि सीप्लेन की सेवाओं को दिल्ली के नजदीकी राज्यों में जोड़ा जाएगा। सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (SDCL) के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अयोध्या और उत्तराखंड में टिहरी और श्रीनगर को सीप्लेन मार्ग में शामिल किया जा सकता है।"SDCL व्यावसायिक आधार पर परिचालन विमान का अनुभव रखने वाले विमानन क्षेत्र (आवेदकों) में कंपनियों के साथ जुड़ने के लिए इच्छुक है। SDCL की योजना है कि ऐसी कंपनियों के साथ SPV को संयुक्त रूप से हब / उत्पत्ति-स्थलों की पहचान करने के लिए, सभी अग्रिमों और अनुमोदन की खरीद, भूमि का विकास करें। जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने कहा कि सुविधाओं / वाटरफ्रंट सुविधाओं, खरीद / लीज सीप्लेन और समुद्री जहाज और सुविधाओं को व्यावसायिक और वित्तीय रूप से व्यवहार्य आधार पर विकसित और संचालित करना।
तो इन रूट्स पर जल्द ही जाना होगा संभव...
अब तक, मंत्रालय ने दिल्ली को सीप्लेन सेवाओं के लिए एक केंद्र बनाने का सुझाव दिया है जो उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और चंडीगढ़ तीन राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से जोड़ेगा। यह आगे उत्तराखंड के श्रीनगर से केदारनाथ/बद्रीनाथ और चंडीगढ़ से डलहौजी, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ स्थानों से जुड़ेगा। सूत्रों की माने तो तो आने वाले कुछ समय में दिल्ली से टिहरी और श्रीनगर (उत्तराखंड) तक, फिर वहां से आगे बद्रीनाथ-केदारनाथ और चंडीगढ़ तक, मुंबई से शिरडी और अन्य पर्यटन स्थलों के लिए और सूरत से द्वारका, मांडवी और कांडला तक के रूटों के लिए ये सेवा शुरू हो सकती है।