- अगले महीने भी सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में वृद्धि का अनुमान: डी लीमा।
- भारत के विनिर्माण उद्योग के लिए अच्छी रही 2022-23 की पहली तिमाही।
- नौकरियों के मोर्चे पर रोजगार लगातार चौथे महीने बढ़ा।
नई दिल्ली। महंगाई के इस दौर में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में किस दर से वृद्धि होती है। इस बीच मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों के बाद अब सर्विस सेक्टर की गतिविधियों के आंकड़े जारी हो गए हैं। पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 50 से ऊपर होने का मतलब होता है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है। वहीं अगर यह 50 अंक से नीचे होता है, तो यह संकुचन को दर्शाता है। आइए जानते हैं पिछले महीने सर्विस सेक्टर की गतिविधियां कैसी रहीं।
11 साल के उच्चतम स्तर पर सेवा गतिविधियां
भारत की सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अप्रैल 2011 से अपने उच्चतम स्तर पर हैं। एक मासिक सर्वेक्षण में मंगलवार को बताया गया कि लागत बढ़ने के बावजूद मांग दशाओं में सुधार के चलते यह सुधार हुआ। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक मई में 58.9 से बढ़कर जून में 59.2 हो गया। यह अप्रैल 2011 के बाद का उच्चतम स्तर है।
अगले महीने भी वृद्धि का अनुमान
इस संदर्भ में एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में संयुक्त निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा कि फरवरी 2011 के बाद से सेवाओं की मांग में सबसे ज्यादा सुधार देखने को मिला और आर्थिक गतिविधियों में विस्तार से इसे मजबूती मिली।
नौ महीने के निचले स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां
भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि जून में नौ महीने के निम्न स्तर पर रही क्योंकि कीमतों के अधिक दबाव के बीच कुल बिक्री और उत्पादन की वृद्धि में नरमी देखने को मिली। एक मासिक सर्वे में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) जून में गिरकर 53.9 हो गया, जो मई में 54.6 था।
कारखानों से ऑर्डर और उत्पादन में जून में लगातार 12वें महीने बढ़ोतरी हुई हालांकि दोनों ही मामलों में विस्तार की दर नौ महीने के निम्न स्तर पर पहुंच गई। वृद्धि के पीछे मूल कारण मजबूत ग्राहकी है। सर्वे के मुताबिक मुद्रास्फीति संबंधी चिंताएं कारोबारी भरोसे पर लगातार हावी हो रही हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)