नई दिल्ली : कोरोनो वायरस के प्रकोप का असर दुनिया भर के शेयर बाजार के साथ-साथ भारत शेयर बाजार पर भी नजर आया। सोमवार को बाजार खुलते ही धड़ाम से गिर गया। सेंसेक्स में एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स अपने पिछले बंद स्तर से 2400 अंकों से अधिक लुढ़क गया। लेकिन बाजार बंद होने तक थोड़ा सुधार आया। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,941.67 अंक का गोता लगाकर 35,634.95 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी की गिरावट भी 650 से ज्यादा अंकों तक पहुंच गई। थोड़ा सुधरकर 538 अंक लुढ़ककर 10,451.45 अंक पर बंद हुआ।
पिछले सत्र में भी हुई भारी गिरावट
पिछले सत्र में बीएसई में 893.00 अंकों की और निफ्टी में 279.55 अंकों की गिरावट हुई थी। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक सकल आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3,594.84 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,543.78 करोड़ रुपए की शुद्ध लिवाली की। सेंसेक्स में सबसे अधिक 11% गिरावट ओएनजीसी में देखी गई। इंडसइंड बैंक, आरआईएल, पावरग्रिड, टाटा स्टील, एलएंडटी, एसबीआई और टेक महिंद्रा भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। एकमात्र सन फार्मा के शेयर में बढ़त देखने को मिली।
वैश्विक स्तर पर भी शेयर बाजार में गिरावट
कारोबारियों ने बताया कि तेल कीमतों में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के माहौल के देखते हुए घरेलू बाजार में निवेशक सतर्क रूख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडों के बाहर जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा। कारोबारियों ने बताया कि यस बैंक के संकट के मद्देनजर देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। शंघाई शेयर बाजार में 2.41%, हांगकांग में 3.53%, सियोल में 3.89% और टोक्यो में 5.65% की गिरावट दर्ज की गई।
शुक्रवार को निवेशकों की 3.28 लाख करोड़ रुपए की पूंजी डूबी
शेयर बाजारों में शुक्रवार को चली जोरदार बिकवाली के बाद आई गिरावट से निवेशकों की 3.28 लाख करोड़ रुपए की पूंजी डूब गई थी। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान एक समय 1,400 अंक से अधिक नीचे आ गया था। बैंकिंग, धातु और ऊर्जा कंपनियों के शेयरों में निवेशकों ने जमकर बिकवाली की। बिकवाली के बीच बंबई शेयर बाजार के 30 शेयरों के सेंसेक्स की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 3,28,684.5 करोड़ रुपए घटकर 1,44,31,224.41 करोड़ रुपए रह गया।
उधर, कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने के प्रस्ताव पर ओपेक द्वारा रूस को राजी करने में विफल रहने से खाड़ी क्षेत्र के शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई। सऊदी की तेल कंपनी सऊदी अरामको के शेयर की कीमत आईपीओ के नीचे आ गई। कुवैत इंडेक्स के 10 फीसदी लुढ़कने के बाद रविवार को ट्रेडिंग रद्द कर दी गई। एक सप्ताह में दूसरी बार ट्रेडिंग रद्द की गई। इससे पहले कोरोनावायरस के प्रकोप से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव की आशंकाओं के बीच शुक्रवार को भारी गिरावट के बाद ट्रेडिंग रद्द की गई थी।
रूस और तेल निर्यातक देशों का संगठन ओपेक के बीच तेल के उत्पादन में कटौती के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनने के बाद तेल के दाम में भारी गिरावट आई, जिसका असर खाड़ी क्षेत्र के शेयर बाजारों पर दिखा। सऊदी अरामको के शेयर की कीमत 6.36 फीसदी टूटकर पहली बार रविवार को आईपीओ की कीमत से नीचे आ गई।