मुंबई : बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में सोमवार को 458 अंक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। चार महीने में यह दूसरी बड़ी गिरावट है। मुख्य रूप से वित्तीय और धातु कंपनियों के शेयरों में गिरावट से बाजार नीचे आया। चीन में फैले कोरोना विषाणु के तेजी से फैलने की आशंका से निवेशकों की चिंता बढ़ी है जिसका असर बाजार पर पड़ रहा है। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स एक समय कारोबार के दौरान करीब 500 अंक लुढ़क गया था। अंत में यह 458.07 अंक यानी 1.10 प्रतिशत गिरावट के साथ 41,155.12 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 129.25 अंक यानी 1.06 प्रतिशत टूटकर 12,119 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में टाटा स्टील को सर्वाधिक नुकसान हुआ। इसमें 4.31 प्रतिशत की गिरावट रही। उसके बाद इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी, एसबीआई, पावरग्रिड और भारती एयरटेल का स्थान रहा।
वहीं दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक तथा एक्सिस बैंक में 1.63 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 21 नुकसान में और नौ लाभ में रहे। खंडवार सूचकांकों में बीएसई धातु 3.25 प्रतिशत टूटा। इसके अलावा दूरसंचार, बिजली, वित्त, बैंक और रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के सूचकांक में भी गिरावट रही। हालांकि, स्वास्थ्य सूचकांक लाभ में रहा। विश्लेषकों के अनुसार दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव रहा। इसका कारण वैश्विक आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा कि चीन में कोरोना विषाणु के फैलने का भारतीय शेयर बाजारों पर असर पड़ा है। इसके अलावा वित्तीय और धातु कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का असर भी बाजार पर पड़ा है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे टूटकर 71.43 पर बंद हुआ। ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 3.24 प्रतिशत घटकर 57.95 डॉलर प्रति बैरल रहा।
वैश्विक बाजारों पर खतरनाक कोरोना विषाणु का असर पड़ा है। इस विषाणु के कारण चीन में 80 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 2,700 अन्य प्रभावित हैं। एशिया में नये वर्ष के अवसर पर कई वित्तीय बाजार बंद रहे। जापान का निक्की 2 प्रतिशत नीचे आ गया। वहीं यूरोप के शेयर बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा।