- सावरन गोल्ड बांड्स स्कीम में कुल 6 सीरीज
- तीसरी सीरीज 8 जून से, प्रति ग्राम सोने में निवेश की रकम 4, 677 रुपए तय
- आठ साल निवेश अवधि, पांच साल बाद निवेशकर्ता अपनी रकम ब्याज समेत हासिल कर सकता है।
नई दिल्ली। गोल्ड के प्रति भारतीय लोगों का झुकाव कितना है इसे देखते हुए गोल्ड बांड स्कीम की तीसरी किस्त को 8 जून से पांच दिन के लिए खोला जा रहा है। इसके लिए लोग गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसे एक ग्राम गोल्ड के गुणांक में आरबीआई द्वारा जारी किया गया है। इसके जरिए केंद्र सरकार बाजार से उधार लेती है जिसमें निवेशकों के निवेश की सुरक्षा सरकार के हाथ में होती है। तीसरी किस्त यानी SGB 2020-21 के लिए प्रति ग्राम गोल्ड की इश्यू प्राइस 4,677 रुपए रखी गई है। एसजीबी की तीसरी सीरीज इसलिए खास है क्योंकि इसे कोविड 19 के समय जारी किया जा रहा है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से जिस तरह वैश्विक स्तर पर बाजार में उथल पुथल उस दौरान लोगों में पीली धातु यानि सोने के प्रति आकर्षण और बढ़ा है। एसजीबी की दूसरी सीरीज के 11 से 15 मई के बीच जारी किया गया था जबकि पहली सीरीज 20 से 24 अप्रैल के बीच जारी हुई थी। तीसरी सीरीज 8 मई से 12 मई तक खुली रहेगी। इस स्कीम को साल में 6 बार सब्सक्रिप्शन के लिए लाया जाता है। चौथी सीरीज 6 जुलाई से 10 जुलाई, पांचवी सीरीज 3 अगस्त से लेकर सात अगस्त और छठवीं सीरीज 31 अगस्त से 4 सितंबर तक खोली जाएगी।
गोल्ड बांड पर ब्याज दर
एसजीबी के तहर 2.5 फिक्स्ड रेट पर ब्याज मिलेगा और यह हर 6 महीने पर सरकार की तरफ से अदा की जाएगी।
कौन लोग गोल्ड बांड खरीद सकते हैं
कोई भी भारतीय शख्स, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय, चैरिटेबल संस्थान इसके जरिए निवेश कर सकते हैं।
कैसे कर सकते हैं निवेश
सावरन गोल्ड बांड को कॉमर्सियल बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन, अधिकृत पोस्ट ऑफिस और स्टड एक्सचेंज बीएसई और एनएसई के जरिए जारी किया जाएगा। इन बांड्स तो डीमैट फॉर्म में आरबीआई में रखा जाता है।
गोल्ड बांड लॉक इन
इसका मतलब है कि एसजीबी में कितने साल के लिए निवेश करना है, एसजीबी में निवेश की अवधि आठ साल रखी गई है। कोई भी निवेशक पांच साल के बाद इस निवेश से बाहर आ सकता है। इस विकल्प उस दिन से लागू होगा जब ब्याज अदायगी की गणना की जाएगी।
गोल्ड बांड निवेश सीमा
वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार कम से कम एक ग्राम सोना या अधिकतम चार किलो सोना खरीद सकता है। इसके अलावा ट्रस्ट और उसी तरह की संस्था एक वित्तीय वर्ष में 20 किलो सोने की खरीद सकता है।
गोल्ड बांड इश्यू प्राइस
इसके लिए मुबंई बेस्ड इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन ने सब्सक्रिप्शन से तीन दिन पहले के रेट के औसत को निकाल कर निर्धारित किया गया है। अगर कोई निवेशक डिजिटल मोड के जरिए गोल्ड बांड में निवेश करेगा तो उसे प्रति ग्राम 50 रुपए की छूट हासिल होगी। इसी तरह से जब कोई निवेशकर्ता इस स्कीम से बाहल निकलेगा तो उसी आधार पर उसे रकम की अदायगी होगी।
गोल्ड बांड और टैक्स
गोल्ड बांड पर जो ब्याज मिलेगा वो टैक्स के दायरे में होगा। लेकिन किसी इंडिविजुअल के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे से बाहर होगा।