- स्पेशल ट्रेन, संतरागाछी-हटिया-संतरागाछी के बीच चलाई गई थी
- मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस स्पेशल ट्रेन से करीब 30 यात्री पश्चिम बंगाल से रांची के बीच कई रेलवे स्टेशनों पर उतरे
- इसके बाद दक्षिण पूर्व रेलवे ने स्पष्ट किया कि पिछले सप्ताह स्पेशल मेडिकल ट्रेन चलाई गई थी
नई दिल्ली : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ा दिया गया है। इस दौरान सभी तरह के रेल, हवाई, सड़क यातायात बंद है। लेकिन भारतीय रेल ने इस दौरान स्पेशल ट्रेन चलाई है। यह खबर मीडिया में आ गई कि रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाई है फिर सवाल उठने शुरू हो गए। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस ट्रेन से करीब 30 यात्री पश्चिम बंगाल से रांची के बीच शुक्रवार को कई रेलवे स्टेशनों पर अपने गंतव्य स्थानों के लिए उतरे थे। जबकि लॉकडाउन के चलते देश भर में ट्रेन सेवाएं बंद हैं। इसके बाद दक्षिण पूर्व रेलवे ने सोमवार को स्पष्ट किया कि पिछले सप्ताह स्पेशल मेडिकल ट्रेन चलाई गई थी, उसमें किसी यात्री ने यात्रा नहीं की और इस पर सवार लोग रेल कर्मचारी थे।
संतरागाछी-हटिया-संतरागाछी के बीच चली थी स्पेशल ट्रेन
रेलवे ने कहा कि यह स्पेशल ट्रेन, संतरागाछी-हटिया-संतरागाछी के बीच चलाई गई थी और इस पार्सल ट्रेन में बहुत ही जरूरी मेडिकल उपकरण, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), मास्क, दस्ताने, सैनेटाइजर तथा दवाइयां आदि थी। इनका वितरण दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर, चक्रधरपुर, रांची एवं आद्रा चारों मंडलों में किया गया।
स्पेशल ट्रेन में किसी भी यात्री ने नहीं की यात्रा
दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी नीरज कुमार ने कहा कि इस स्पेशल ट्रेन में किसी भी यात्री ने यात्रा नहीं की, जैसा कि कुछ स्थानीय मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित हुआ है। कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को संपूर्ण देश में रोकथाम एवं बचाव के लिए विभिन्न स्तरों पर कई कार्य किए जा रहे हैं। इसी उद्देश्य से भारतीय रेल उन्होंने बताया कि यह ट्रेन खड़गपुर-टाटा चक्रधरपुर-हटिया-आद्रा से होते हुए चलाई गई थी। नीरज ने कहा कि स्पेशल मेडिकल ट्रेन में सवार सभी लोग रेलकर्मी थे। इस ट्रेन में किसी भी बाहरी व्यक्ति ने यात्रा नहीं की थी।
लॉकडाउन में रेलवे ने की 1150 टन मेडिकल सामानों की ढुलाई
रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान देशभर में दवाओं, मास्क, अस्पताल से संबंधित चीजों समेत 1,150 टन मेडिकल सामानों की ढुलाई की है। भारतीय रेल ने रविवार को यह जानकारी दी। रेलवे ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान सरकार का हाथ बंटाने के लिये उसकी समयबद्ध पार्सल सेवाओं के जरिये इन वस्तुओं की ढुलाई की गई। उत्तरी रेलवे ने सबसे अधिक 400 टन सामान की ढुलाई की। इसके बाद पश्चिम रेलवे (328.84 टन) और मध्य रेलवे (136 टन) का स्थान है। रेलवे एक ओर जहां जरूरी सामानों की ढुलाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, वहीं दूसरी ओर वह जरूरत के समय लोगों को चिकित्सा मदद भी उपलब्ध करा रहा है।
रेलवे ने जरूरतंद को बांटे भोजने के पैकेट
भारतीय रेल ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान जरूरतंद लोगों को भोजन के 20 लाख पैकेट बांटे हैं। रेलवे ने एक बयान में कहा कि आईआरसीटीसी की रसोइयों, आरपीएफ के संसाधनों और गैर सरकारी संगठनों के जरिए वह 28 मार्च से दोपहर और रात के लिए भोजन के पैकेट उपलब्ध करा रहा है। रेलवे ने कहा कि जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के दौरान लोगों के बीच दूरी बनाये रखने, स्वच्छता आदि का भी ध्यान रखा जा रहा।
बयान में कहा गया है कि आईआरसीटीसी की विभिन्न शहरों में स्थित रसोइयों से सोमवार तक भोजन के 20.5 लाख पैकेट बांटे गए। इनमें 11.6 लाख पैकेट आईआरसीटीसी ने उपलब्ध कराए। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने अपने संसाधनों से 3.6 लाख पैकेट, रेलवे की वाणिज्यिक एवं अन्य विभागों द्वारा 1.5 लाख तथा रेल संगठनों के साथ काम करते हुए गैर सरकारी संस्थाओं ने करीब 3.8 लाख पैकेट उपलब्ध कराए। बयान में कहा गया है कि अभी आरपीएफ द्वारा देश के करीब 300 स्थानों पर लगभग 50,000 लोगों को रोजना भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।