- भारत में भारी भरकम निवेश करने जा रहा है जापान
- गुजरात में बीईवी बैटरियों के विनिर्माण संयंत्र पर 7,300 करोड़ रुपये का निवेश
- गुजरात में जापानी कंपनी सुजुकी करेगी 10 हजार करोड़ से अधिक का निवेश
नई दिल्ली: जापान की वाहन कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (एसएमसी) 2026 तक गुजरात में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) तथा बीईवी बैटरियों के स्थानीय स्तर पर विनिर्माण के लिए 150 अरब येन (10,445 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। कंपनी ने इस बारे में गुजरात सरकार के साथ सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन ने बयान में कहा, ‘इस करार पर नयी दिल्ली में 19 मार्च, 2022 को आयोजित भारत-जापान आर्थिक मंच में हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।’
इस पर होगा 7,300 करोड़ रुपये का निवेश
मंच को संबोधित करते हुए एसएमसी के प्रतिनिधि निदेशक एवं अध्यक्ष तोशिहिरो सुजुकी ने कहा, ‘सुजुकी का भविष्य का मिशन छोटी कारों के साथ कॉर्बन निरपेक्षता हासिल करने का है। हम आत्मनिर्भर भारत के लिए यहां लगातार निवेश जारी रखेंगे।’ एमओयू के तहत कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लि. 2026 तक एसएमसी के मौजूदा कारखाने के पास बीईवी बैटरियों के विनिर्माण संयंत्र पर 7,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके अलावा एसएमसी 2025 तक बीईवी विनिर्माण की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए भी 3,100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
रिसाइक्लिंग प्लांट
समूह की एक अन्य कंपनी मारुति सुजुकी तोयोत्सु इंडिया प्राइवेट लि. (एमएसटीआई) 2025 तक वाहन रिसाइक्लिंग संयंत्र के निर्माण पर 45 करोड़ रुपये का और निवेश करेगी।पिछले साल नवंबर में मारुति सुजुकी और टोयोटा त्सुशो ग्रुप के संयुक्त उद्यम एमएसटीआई ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में वाहन तोड़ने और रिसाइक्लिंग परिचालन की शुरुआत की थी। यह सुविधा 10,993 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली है। यहां सालाना आधार पर 24,000 वाहनों को कबाड़ और रिसाइकिल किया जा सकता है।
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तीन करोड़ 20 हजार का निवेश
एसएमसी की भारतीय इकाई मारुति सुजुकी की योजना 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में उतरने की है। कंपनी का कहना है कि मौजूदा मूल्य पर बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री संभव नहीं है।मारुति सुजुकी ने 2019 में अपनी वैगन आर कार पर इलेक्ट्रिक वाहन का परीक्षण किया था। कंपनी का इरादा 2020 में इसे उतारने का था, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया था। जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने शनिवार को घोषणा की थी कि जापान अगले पांच साल के दौरान भारत में 5,000 अरब येन (3,20,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेगा। दोनों देशों ने इलेक्ट्रिक वाहन, स्टोरेज प्रणाली जैसे क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी (सीईपी) सहयोग की भी घोषणा की है।