- स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड का वितरण होता है
- संपत्ति का रिकॉर्ड होने पर बैंक से कर्ज आसानी से मिलता है
- रोजगार और स्वरोजगार के रास्ते खुलते हैं
ग्रामीण भारत में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भू-संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के अंतर्गत संपत्ति कार्ड वितरित करने की योजना का शुभारंभ इस साल अक्टूबर महीने में किया। स्वामित्व योजना को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि संपत्ति का रिकॉर्ड होने पर बैंक से कर्ज आसानी से मिलता है, रोजगार और स्वरोजगार के रास्ते खुलते हैं। संपत्ति का रिकॉर्ड होने से संपत्ति पर अधिकार मिलता है। इससे लोगों का आत्मविश्वास बढ़ता है। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है तो निवेश के नए रास्ते भी बनते हैं। पीएम ने कहा कि दुनिया भर में एक्सपर्ट्स का मानना है कि जमीन और घर का मालिकाना हक, देश के विकास में अहम भूमिका निभाता है।
ड्रोन से होगी संपत्ति की मैपिंग
स्वामित्व योजना में राज्य सरकारों और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से पंचायती राज मंत्रालय की ओर से ड्रोन आधारित नवीनतम सर्वे तकनीक का इस्तेमाल करते हुए नई केंद्रीय योजना शुरू हुई है। स्वामित्व योजना के जरिए ड्रोन से गांव की मैपिंग की जाएगी, जिससे संपत्ति पर विवाद को सुलझाने से जुड़े मामलों में सहायता मिल सकेगी। इस योजना से जुड़े पोर्टल के माध्यम से गांव के लोगों को बैंक से लोन मिलने में भी सुविधा मिलेगी।
6 राज्यों में लागू, धीरे-धीरे पूरे देश में
पीएम मोदी ने कहा था कि पोर्टल भारतीय पंचायत प्रणाली में पारदर्शिता लाएगा। शुरुआत में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 6 राज्यों में लागू की गई। इस योजना के अंतर्गत 6 राज्यों के 763 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे, जिसमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 गांव शामिल है। धीरे-धीरे इसे पूरे देश में लागू की जाएगी।