नई दिल्ली: बजट में टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) से जुड़े कई नियम बदल दिए गए हैं। बदले हुए नए नियमों का जानकारी कम ही लोगों को है। आज हम इन्हीं की चर्चा करेंगे। सेक्शन 194 एम में कहा गया है कि अगर किसी कॉन्ट्रैक्टर या प्रोफेशनल को 50 लाख रुपए से ज्यादा का पेमेंट होगा तो उसे टीडीएस देना होगा। ये नियम 1 सितंबर 2019 से लागू हो रहा है।
इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन जोड़ा या है। इसके तहत पेमेंट का 5 फीसदी टीडीएस कटेगा। नियम के मुताबिक कान्ट्रैक्टर साल भर का दिया पेमेंट 50 लाख रुपए से ज्यादा हुआ तो 5 फीसदी टीडीएस भरना होगा। इसके लिए व्यक्तिगत करदाता और एचयूएफ अपने पैन नंबर के जरिए ही टीडीएस जमा करवा सकेंगे उनको टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर लेने की जरूरत नहीं है। इस केस में ना ही उनको रेगुलर टीडीएस रिटर्न भरना होगा।
डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ाने के लिए सरकार ने सालाना बैंक अकाउंट से 1 करोड़ रुपए नकद निकालने पर 2 फीसदी का नया टीडीएस लगाया है। इसमें बैंकिंग कंपनी, कोऑपरेटिव बैंक, पोर्ट ऑफिस के अकाउंट शामिल हैं। इसके लिए सरकार, बैंकिंग कंपनी, को ऑपरेटिव सोसाइटी, पोस्ट ऑफिसी, बैंकिंग करसपोंडेंट और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर को छूट है। ये प्रस्ताव 1 सितंबर 2019 से लागू होगा।
बजट में सेक्शन 194आईए में अचल संपत्ति के ट्रांसफर पर भी टीडीएस लगाया गया है। इसके तहत कृषि को छोड़कर अचल संपत्ति के ट्रांसफर पर टीडीएस लगेगा। प्रॉपर्टी खरीदते समय प्रॉपर्टी के अलावा लोगों को क्लब मेंबरशिप फीस, कार पार्किंग, बिजली, पानी, मैंटेनेंस और एडवांस फीस देनी होती है। अभी इस इससे जुड़े सभी नियम जारी नहीं हुए कुछ ही दिनों में इस पर सफाई मिलेगी। ये प्रस्ताव भी 1 सितंबर 2019 से लागू होगा।
सेक्शन 194डीए के तहत लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के मिलने वाले सम अश्योर्ड पर भी 5 फीसदी टीडीएस का प्रस्ताव है। ये प्रस्ताव 1 सितंबर 2019 से लागू होगा। इसके तहत सम अश्योर्ड में से प्रीमियम घटाकर 5 फीसदी टीडीएस लगेगा। पहले कुल सम अश्योर्ड पर 1 फीसदी टीडीएस था। इसलिए अगर किसी तरह का पेमेंट कर रहे हैं या नकदी की निकासी कर रहे हैं तो टीडीएस से जुड़े इन नियमों का ध्यान जरूर रखें।