- 5 राज्य ऐसे हैं जहां पर 100 फीसदी भुगतान हुआ है।
- सरकार ने 7 कैटेगरी बनाई है, जिसमें आने वाले लोगों को योजना का लाभ नहीं मिलता है।
- योजना के तहत 11.38 करोड़ किसानों का पंजीकरण हुआ है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 10वीं किस्त जल्द जारी होने वाली है। इसके तहत किसानों को 2000 रुपये की किस्त मिलेगी। 25 दिसंबर 2018 को शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत साल में 3 बार 2000 रुपये की किस्त के जरिए कुल 6000 रुपये दिए जाते हैं। इसके तहत 11.38 करोड़ किसानों का पंजीकरण हुआ है। योजना की पहली किस्त अप्रैल से जुलाई के बीच जारी की जाती है। दूसरी किस्त अगस्त से नवंबर के बीच आती है और तीसरी किस्त दिसंबर से मार्च के बीच दी जाती है।
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योजना के तहत वैसे तो सभी किसानों को शामिल किया गया है। लेकिन कुछ किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तें बना रखी हैं। जिसके आधार पर ऐसे किसान पात्र नहीं हैं..
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ये लोग नही हैं पात्र
1.ऐसे लोग जिनके पास खेती की जमीन है लेकिन इनकम टैक्स भरते हैं।
2.डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट,वकील,इंजीनियर,आर्किटेक्ट जैसे लोग जो प्रोफेनल्स के रुप में रजिस्टर्ड हैं। और प्रैक्टिस करते हैं।
3.रिटायर्ड कर्मचारी जिनकी पेंशन 10 हजार रुपये से ज्यादा है। हालांकि इस श्रेणी के तहत मल्टी टॉस्किंग स्टॉफ, चतुर्थ श्रेणी और ग्रुप-डी कैटेगरी के कर्मचारी शामिल नहीं होंगे।
PM Kisan Yojana: कब आएगी 10वीं किस्त? जानें यहां
4.केंद्र, राज्य , पब्लिक सेक्टर कंपनियों के ऑफिसर और रिटायर्ड ऑफिसर
5. केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्री, एमपी, एमएलए,एमएलसी, मेयर, जिला पंचायत के मौजूदा और पूर्व चेयरमैन योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं।
6.संवैधानिक पदों पर बैठे मौजूदा और पदमुक्त हो चुके लोग भी योजना के दायरे में नहीं आएंगे।
7. संस्थागत रूप से भूमि स्वामी
राज्यों के आधार पर पेमेंट की क्या है स्थिति
- पीएम किसान सम्मान निधि के डैशबोर्ड के अनुसार महाराष्ट्र , हरियाणा, पश्चिम बंगाल, ओडीसा,नागालैंड ऐसे राज्य हैं जहां पर 100 फीसदी पात्र लोगों को भुगतान किया जा चुका है।
- जबकि केरल,बिहार, उत्तराखंड में 99 फीसदी, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में 94 फीसदी, अरूणाचल प्रदेश में 92 फीसदी भुगतान हुआ है।
- हिमाचल प्रदेश में 92 फीसदी, राजस्थान में 92 फीसदी, गुजरात में 86 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 82 फीसदी , अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 89 फीसदी भुगतान हुआ है।
- आंध्र प्रदेश, पंजाब, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़ में 60-80 फीसदी तक भुगतान हुआ है।
- वहीं असम, मिजोरम, झारखंड में 40-60 फीसदी तक भुगतान हुआ है। वहीं लक्षद्वीप में 0 फीसदी भुगतान हुआ है।