- देश में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए लेनदेन की संख्या बढ़ रही है।
- यूपीआई सर्विस की साल 2016 में शुरुआत हुई थी।
- अगस्त में टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए 4,245 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
नई दिल्ली। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2022 में यूपीआई (UPI) आधारित डिजिटल भुगतान का मूल्य 10.73 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। यह जुलाई महीने में देखे गए 10.63 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है। एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अगस्त महीने के दौरान यूपीआई (UPI Transactions) के माध्यम से कुल 657 करोड़ यानी 6.57 अरब लेनदेन हुए। यह आंकड़ा इससे पिछले महीने में 6.28 अरब यानी 628 करोड़ था। जून में यूपीआई से 10.14 लाख करोड़ रुपये के 5.86 अरब लेनदेन किए गए थे।
IMPS के जरिए हुए 46.69 करोड़ लेनदेन
अगस्त में इन्टेंट मनी ट्रांसफर आधारित आईएमपीएस (IMPS) के जरिए लेनदेन का मूल्य 4.46 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले महीने इमीडिएट पेमेंट सर्विस यानी आईएमपीएस के जरिए कुल 46.69 करोड़ लेनदेन हुए। जुलाई में आईएमपीएस से 4.45 लाख करोड़ रुपये के कुल 46.08 करोड़ लेनदेन हुए थे। हालांकि, आधार आधारित 'एईपीएस' (AePS) का लेनदेन मूल्य जुलाई के महीने में 30,199 करोड़ रुपये से 10 फीसदी कम हुआ और 27,186 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
UPI पर नहीं लगेगा कोई Service Charge- केंद्र सरकार ने किया साफ
इन बातों का रखें खास ध्यान
डिजिटल ट्रांजैक्शंस के साथ ही फ्रॉड भी बढ़ा है। सरकार के सख्त नियमों के बाद भी ग्राहक धोखाधड़ी का शिकार हो ही जाते हैं। कई ग्राहक अक्सर शिकायत करते हैं कि उन्हें एक मेसेज या मेल मिला है जिसमें उन्हें पिन शेयर करने पर रकम मिलेगी। लेकिन आपको इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि आपका बैंक आपसे कभी पिन नहीं मांगता है। इसके अलावा कई जालसाजों ने नकली यूपीआई ऐप्स भी बनाई हैं, जिसके जरिए वे आपकी जानकारी इकट्ठा करके उसका गलत इस्तेमाल करते हैं। इससे आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है।
क्या आप भी करते हैं UPI पेमेंट्स का इस्तेमाल? इन बातों को गांठ बांधकर रख लें!