- फास्टैग अनिवार्य हो गया है
- दूर-दराज के इलाकों में भी लोग फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे हैं
- अधिकारी का कहना है कि हम टोल प्लाजा पर जाम के लिए कोई बहाना नहीं कर सकते
नई दिल्ली : यातायात को स्मूथ बनाने के लिए फास्टैग व्यवस्था लागू की गई लेकिन इसके बावजूद जाम लगने की रिपोर्ट्स आ रही है। सूत्रों के मुताबिक इसको देखते हुए नई योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत जाम लगने पर आपको नेशनल हाईवे पर टोल नहीं चुकाना पड़ेगा। अगर जाम लग गया और गाड़ियों की लाइन एक सीमा से लंबी हो गई तो टोल ऑपरेटर को उस लेन का गेट खोलना होगा। फिर उस लेन से सभी गाड़ियां बिना टोल चुकाए जा सकेंगी। टोल प्लाजा की हर लेन पर एक अलग रंग की लाइन बनाई जाएगी। सभी टोल प्लाजा और वहां लगने वाली गाड़ियों की रियल टाइम पर निगरानी रखी जा रही हैं।
पिछले कुछ दिन से अधिकारी टोल प्लाजा पर ट्रैफिक व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। साथ की उसका विश्लेषण भी कर रहे हैं। इसके लिए हर स्तर के अधिकारी और कर्मचारी लगे हुए हैं। एनबीटी के मुताबिक उनमें से एक ने कहा कि फास्टैग से होने वाला ट्रांजेक्शन 60-70% से बढ़कर 90% तक हो गया है, इतना ही नहीं दूर-दराज के इलाकों में भी लोग फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए अब हम टोल प्लाजा पर जाम के लिए कोई बहाना नहीं कर सकते।
फास्टैग के लिए पेटीएम भुगतान बैंक कर रहा है मदद
पेटीएम भुगतान बैंक ने बीते साल टोल प्लाजा के साथ फास्टैग यूजर्स के लिए 82% विवादित मामलों में जीत हासिल की है। बैंक ने मंगलवार को बताया कि टोल प्लाजा पर फास्टैग प्रयोगकर्ताओं से अधिक राशि काटने के मामले आते हैं। इस तरह के मामलों में उसने 2.6 लाख ग्राहकों को उनका रिफंड वापस दिलाने में मदद की है। भुगतान बैंक ने बताया कि उसने एक ऑटोमेटेड भुगतान प्रबंधन प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत अगर टोल प्लाजा पर फास्टैग से अधिक राशि कट जाती है, तो इसकी वापसी के लिए तत्काल दावा किया जाता है।
पेटीएम भुगतान बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सतीश गुप्ता ने बयान में कहा कि हमारा प्रयास अपने प्रयोगकर्ताओं को सड़क पर बाधारहित यात्रा उपलब्ध कराने का है। इसके तहत हम अपने प्रयोगकर्ताओं की हरसंभव तरीके से मदद करते हैं। इसमें टोल प्लाजा पर आने वाली शिकायतों का निपटान भी शामिल है।