नई दिल्ली। किंगफिशर के मालिक विजय माल्या लंदन से लगातार गुहार लगा रहे हैं कि वो बैंकों के कर्ज को लौटाना चाहते हैं। लेकिन न तो बैंक या प्रवर्तन निदेशालय उनकी अपील पर ध्यान दे रहा है। वो यह भी कहते हैं कि इस समय जो हालात पैदा हुए हैं उनमें उनके धंधों पर असर पड़ा है। ऐसी सूरत में भी वो अपने कर्मचारियों को तनख्वाह दे रहे हैं।
विजय माल्या का कहना है कि किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने के लिए बैंकों से जो वो कर्ज लिए उसे शत प्रतिशत चुकाने के लिए तैयार हैं। लेकिन दुख की बात यह है कि उनकी अपील पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वो चाहते हैं कि संकट की घड़ी में सरकार और बैंक उनकी अपील पर ध्यान दें।
विजय माल्या ट्वीट कर कहते हैं कि भारत सरकार ने लॉकडाउन किया है जो सोचा नहीं जा सकता था। वो इस कदम का स्वागत करते हैं, लेकिन इसकी वजह से काम ठप है। उनकी कंपनियों में उत्पादन नहीं हो रहा है, वो सभी कर्मचारियों को तनख्वाह दे रहे हैं। वो चाहते हैं कि सरकार उनकी अपील पर ध्यान दे। वित्त मंत्री उनकी अपील को सुनें। वो चाहते हैं कि जितना भी पैसा उनके ऊपर है उसे वो चुकाना चाहते हैं।
ऐसा नहीं है कि विजय माल्या की तरफ से पहली बार इस तरह का ऑफर किया गया हो। वो पहले भी ट्विटर के जरिए ही पैसा वापस लौटाने की पेशकश की थी। लेकिन वो भारत से इंकार करते रहे। उन्होंने भारतीय जेलों की खराब हालात का हवाला भी दिया था। पिछले करीब चार साल से लंदन में ही हैं विजय माल्या 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने में नाकाम रहने पर 2 मार्च 2016 को भारत से भाग गए। किंगफिशर एयरलाइंस के लिए उन्होंने बैंकों से कर्ज लिया था। माल्या पर लंदन की अदालत में केस चल रहा है और वो जमानत पर हैं।