- निवेशकों के गोलमेज सम्मेलन में पीएम ने कहा कि दुनिया ने भारत के राष्ट्रीय चरित्र को देखा।
- पीएम मोदी ने कहा कि आज निवेशक उन कंपनियों की ओर बढ़ रहे हैं जिनके पास उच्च पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन स्कोर हैं
- भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करना मुख्य उद्देश्य है
ग्लोबल निवेशक के गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए सुधार के बारे में बताया। देश में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। दुनिया के विभिन्न देशों के करीब 20 निवेशक भाग ले रहे हैं। इस गोलमेज सम्मेलन में भारत के आर्थिक और निवेश परिदृश्य, ढांचागत क्षेत्र के सुधारों और भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
वर्चुअल ग्लोबल इन्वेस्टर राउंड टेबल को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत ने बहादुरी से वैश्विक महामारी का मुकाबला किया, दुनिया ने भारत के राष्ट्रीय चरित्र को देखा। दुनिया ने भारत की असली ताकत भी देखी। पीएम मोदी ने कहा कि आज निवेशक उन कंपनियों की ओर बढ़ रहे हैं जिनके पास उच्च पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन स्कोर हैं। भारत में पहले से ही ऐसे सिस्टम और कंपनियां हैं जिनकी इसमें उच्च रैंक है।
पीएम ने कहा कि चाहे कोरोना वायरस से लड़ाई हो या फिर आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने की बात हो भारत ने महामारी के दौरान काफी जुझारूपन दिखाया। आत्मनिर्भर बनने की भारत की चाह महज एक सोच नहीं बल्कि सोची-समझी आर्थिक रणनीति है। मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधारों ने किसानों के साथ भागीदारी की नई संभावनाओं को खोला है, भारत शीघ्र ही कृषि निर्यात के बड़े केंद्र के रूप में उभरेगा। भारत को ग्लोबल वृद्धि का इंजन बनाने के लिए हमें जो कुछ करने की जरूरत होगी, वह हमें करेंगे।
पीएम ने इनोवेशन और डिजिटल के आसपास की पहल हमेशा हमारी सरकार की नीतियों और सुधारों के केंद्र में रही है। हमारे पास दुनिया में स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न की सबसे बड़ी संख्या में से एक हैं। 2019 में हर दिन औसतन 2-3 स्टार्ट-अप सेटअप में बदली है।
PM Modi chairs Virtual Global Investor Roundtable, watch video
गोलमेज सम्मेलन में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अलावा देश के प्रमुख उद्यमी, वित्तीय बाजारों के रेगुलेटर ने की। ग्लोबल संस्थागत निवेशकों में अमेरिका, यूरोप, कनाडा, दक्षिण कोरिया, जापान, पश्चिम एशिया, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर सहित दुनिया के प्रमुख क्षेत्रों के ग्लोबल संस्थागत निवेशक भाग लिए। इनमें से कुछ निवेशक तो पहली बार भारत सरकार के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं। कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख निवेशकों में तेमासेक, ऑस्ट्रेलियम सुपर, सीडीपीक्यू, सीपीपी इनवेस्टमेंट्स, जीआईसी, फ्यूचर फंड, जापान पोस्ट बैंक और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल को-ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा कोरियन इन्वेस्टमें कार्पोरेशन, निपॉन लाइफ, मुबाडाला इन्वेस्टमेंट्स कंपनी, आंत्रियो टीचर्स टीचर्स रिटायरमेंट टैक्सास और पेंशन डेनमार्क भी शामिल हैं।
दुनिया के इन प्रमुख संस्थागत फंड्स के अलावा भारत की तरफ से 6 प्रमुख उद्योगपति इसमें भाग लिए। एचडीएफसी के दीपक पारेख, सन फर्मा के दिलीप सांघवी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुकेश अंबानी, इनफोसिस के नंदन नीलेकेणि, टाटा समूह से रतन टाटा और कोटक महिन्द्रा बैंक के उदय कोटक सम्मेलन में अपने अनुभव साझा किए।