नई दिल्ली : प्राइवेट सेक्टर की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) लिमिटेड घाटे में चल रही है और फाइनेंशियल संकट से गुजर रही है। सरकार के के मुताबपिक कंपनी को समायोजित सकल आय (AGR) बकाए के रूप में 58,250 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। अभी कंपनी इसमें से 7,854 करोड़ रुपए का ही भुगतान कर सकी है। दूसरी ओर वोडाफोन आइडिया अपनी लागत कटौती की योजना बना रही है। कंपनी के प्रस्ताव के मुताबिक मैनेजिंग डायरेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) राजीव ठक्कर (Rajiv Thakkar) को 03 साल के कार्यकाल के लिए वेतन नहीं दिया जाएगा।
ठक्कर के नियुक्ति की शर्तों में कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया लिमिटेड कंपनी के काम से किए जाने वाले उनके यात्रा, रहने-खाने, मनोरंजन और अन्य खर्चे कंपनी की नीति के अनुरूप उठा सकती है। ठक्कर को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स या कमिटी की बैठकों में शामिल होने के लिए किसी तरह का फी नहीं दिया जाएगा। ठक्कर से पहले बलेश शर्मा को कंपनी सालाना 8.59 करोड़ रुपए का पैकेज दिया था। हालांकि उनके वेतन में 2019-20 के लिए किसी तरह की बढ़ोत्तरी की कोई अनुशंसा नहीं की गई थी। वोडाफोन आइडिया ने ठक्कर को बलेश शर्मा के इस्तीफे के बाद ठक्कर को 03 साल के लिए अपना मैनेजिंग और सीईओ नियुक्त किया था। उनका कार्यकाल 19 अगस्त 2019 से प्रभावी है और उन्हें उनके कार्यकाल के लिए शून्य पारिश्रमिक दिया जाएगा।
वोडाफोन आइडिया की 25वीं सालाना आम बैठक (एजीएम) 30 सितंबर को होनी है। बैठक में कंपनी ठक्कर की नियुक्ति और अन्य प्रस्तावों पर शेयर होल्डर्स की मंजूरी मांगेगी। तब संभवतया इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है। कंपनी ने अपनी वार्षिक आम सभा की सूचना में कहा है कि वोडाफोन आइडिया ठक्कर के कंपनी के काम के चलते होने वाले खर्चे वहन कर सकती है। इसी के साथ कंपनी अपनी लोन सीमा को 25,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव भी बैठक में रखेगी।
वोडाफोन आइडिया के यूजर्स की संख्या भी लगातार घट रही है। अगस्त 2018 में वोडाफोन और आइडिया के विलय के वक्त दोनों के मिलाकर 43 करोड़ यूजर्स थे। अब यह घटकर 30.9 करोड़ रह गए हैं।