- कोरोना-वायरस प्रकोप के कारण फ्यूचर फाइनेंसियल प्लान्स खराब हो गए हैं
- मौजूदा आर्थिक अनिश्चितता के कारण आपके प्रोजेक्ट को पूरा होने में देर हो सकती है
- सबसे पहले अपना रिज्यूम अपडेट करें, उसे जॉब पोर्टल्स पर अपलोड करें
मौजूदा कोविड-19 संकट कई लोगों का मौजूदा फाइनेंसियल कंडीशन ही नहीं बल्कि उनके फ्यूचर फाइनेंसियल प्लान्स भी बर्बाद करने लगा है। इस समय कुछ व्यावहारिक रिएडजस्टमेंट न करने पर महत्वपूर्ण फाइनेंसियल लक्ष्यों को पूरा करना मुश्किल हो सकता है। कई लोगों ने कोविड संकट से पहले अपने सामान्य हेल्थ रिस्क और स्टेबल इनकम के अनुसार अपने महत्वपूर्ण फाइनेंसियल लक्ष्यों को पूरा करने का प्लान बनाया होगा। लेकिन, कोरोना-वायरस प्रकोप के कारण हेल्थ रिस्क काफी बढ़ गया है, लोगों की आमदनी घट गई है, नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है और इन्वेस्टमेंट मार्केट काफी धीमा पड़ गया है। इससे उबरने के लिए हम क्या कर सकते हैं? यहां मैंने कुछ उपयोगी उपाय बताए हैं।
घर खरीदने का प्लान
यदि आपने 2020 में अपना पहला घर खरीदने का प्लान बनाया था तो मौजूदा आर्थिक अनिश्चितता के कारण आपके प्रोजेक्ट को पूरा होने में देर हो सकती है या इस समय एक लॉन्ग-टर्म लोन लेने पर अब आपको उतना भरोसा नहीं होगा। अच्छी बात यह है कि प्रॉपर्टी की कीमत कम हो सकती है क्योंकि कई डेवलपर्स या घर-खरीदार जल्दी से अपनी प्रॉपर्टी बेचने के लिए बेचैन हो सकते हैं। इसके अलावा, हाल ही में RBI द्वारा रेपो रेट में कई बार कटौती करने के बाद होम लोन रेट्स काफी कम हो गए हैं जिससे कुछ समय के लिए EMI कम हो जाएगी। इस समय आपको सबसे पहले अपने फाइनेंस और अपनी जरूरतों पर गौर करना चाहिए और अपने प्लान में जरूरी बदलाव करने चाहिए। जैसे, आप बेहतर डील्स पाने के लिए अपनी प्रॉपर्टी खरीदने के प्लान को कुछ महीने के लिए टाल सकते हैं। आप अपने लोन का बोझ और खर्च कम करने के लिए किसी छोटे और सस्ते मकान में शिफ्ट हो सकते हैं। इस तरह आप प्रधानमंत्री आवास योजना स्कीम के माध्यम से अपने लोन पर अपफ्रंट इंटरेस्ट सब्सिडी पा सकते हैं, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80EEA के तहत एक्स्ट्रा टैक्स डिडक्शन बेनिफिट पा सकते हैं (यदि आपकी प्रॉपर्टी का वैल्यू 45 लाख रुपए से कम है), और स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज में काफी पैसे बचा सकते हैं।
इसके अलावा आप महंगी जगहों के बजाय सस्ती जगहों पर मकान खरीद सकते हैं। ऐसे मकान ज्यादा सस्ते होते हैं और मकान के आकार के साथ समझौता भी नहीं करना पड़ेगा। लेकिन, ऐसे मकान, स्कूल, अस्पताल, मेट्रो स्टेशन, इत्यादि से दूर हो सकते हैं। इसलिए आपको इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लेना चाहिए।
FD सहित अन्य इन्वेस्टमेंट प्लान्स
FD, हमारे देश में सबसे लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है, ख़ास तौर पर रिस्क-परहेजी इन्वेस्टर्स के लिए जैसे सीनियर सिटिज़न्स या अपने सबसे महत्वपूर्ण फाइनेंसियल लक्ष्यों के लिए FD का इस्तेमाल करने वाले लोग। इसीलिए हाल ही में FD रेट्स में हुई गिरावट के कारण कई इन्वेस्टर्स परेशान होंगे। फिर भी FD बेहद कम रिस्की प्रोडक्ट है जो ऐसे अनिश्चित समय में काफी फायदेमंद साबित हो सकता है जहाँ पैसे को सुरक्षित रखना, पैसे बढ़ने जितना महत्वपूर्ण हो गया है। इसलिए, रिस्क-परहेजी इन्वेस्टर्स, लैडरिंग टेकनीक के माध्यम से एक से अधिक FD में इन्वेस्ट कर सकते हैं ताकि भविष्य में FD रेट्स बढ़ने पर ज्यादा इंटरेस्ट मिल सके। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए, उन्हें प्रत्येक बैंक में अधिक-से-अधिक 5 लाख रु. का FD ही करना चाहिए क्योंकि बैंक के दिवालिया होने पर DICGC इतना ही इंश्योरेंस देता है। वे अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में हाई क्रेडिट रेटिंग (सॉवरेन, AAA, या इसी के समान) वाले कंपनी FD को भी शामिल कर सकते हैं जहाँ थोड़ा ज्यादा रिस्क के साथ ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। रिटर्न की उम्मीद, रिस्क क्षमता, और पैसे की जरूरत को ध्यान में रखते हुए SIP के माध्यम से टॉप-रेटेड म्यूच्यूअल फंड्स, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स, और स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स में भी इन्वेस्ट किया जा सकता है। समझ न आने पर एक सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की मदद लें।
फाइनेंसियल प्लान पर कम आमदनी का दबाव
कोविड-19 संकट के आर्थिक दुष्परिणाम के कारण कई कंपनियों को अपने कार्मचारियों की छंटनी करनी पड़ रही है या उनके वेतन में कटौती करनी पड़ रही है या उन्हें अवैतनिक छुट्टी पर जाने के लिए कहना पड़ रहा है। लम्बे लॉकडाउन के कारण कई कंपनियों का बिजनेस इनकम काफी कम हो गया है। इससे कई लोगों के फाइनेंसियल प्लान्स पर बहुत बुरा असर पड़ा है। इस परिस्थिति में ज्यादा वेतन वाली नौकरी मिलना भी मुश्किल हो गया है। तो ऐसे समय में क्या करना चाहिए?
सबसे पहले अपना रिज्यूम अपडेट करना होगा, उसे जॉब पोर्टल्स पर अपलोड करना होगा, खाली पोजीशन के बारे में मालूम करना होगा, और अपने कॉन्टैक्ट्स के साथ फिर से संपर्क करना होगा जो नौकरी पाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, आप खाली समय में अपना कौशल बढ़ा सकते हैं और अपने मौजूदा कौशल और शौक को भुना भी सकते हैं। जहाँ तक मनी मैनेजमेंट का सम्बन्ध है, किराया, EMI, यूटिलिटी, और इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे जरूरी फाइनेंसियल कमिटमेंट्स को पूरा करने के लिए ज्यादा-से-ज्यादा पैसे बचाने के लिए खर्च में खूब कटौती करें। अगर फिर भी पैसे कम पड़ रहे हैं तो इमरजेंसी फंड की मदद लें या इस समय कोई नया लोन लेने से पहले किसी गैर-जरूरी इन्वेस्टमेंट को तोड़ने/रोकने की कोशिश करें। लोन EMI पर मोरेटोरियम की मदद लेने से भी कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है लेकिन मोरेटोरियम ख़त्म होते ही उस दौरान जमा इंटरेस्ट को पर्याप्त प्रीपेमेंट करके चुकाने का प्लान बनाकर रखें।
कार खरीदने का प्लान
यदि कोविड-19 संकट के परिणामस्वरूप आर्थिक मंदी के कारण कार खरीदने के प्लान में रुकावट पैदा हो गई है तो आप अपने फाइनेंस के अनुसार सस्ते विकल्प ढूंढ सकते हैं। आप एक सेकंड-हैंड कार, एक नई लेकिन सस्ती कार, या अपनी चुनिन्दा कार का बेस मॉडल भी ले सकते हैं। यदि व्यावहारिक हो तो आप कुछ कैश बचाकर रखने के लिए कम डाउन पेमेंट करके थोड़ा बड़ा लोन भी ले सकते हैं। लेकिन, बेस्ट कार लोन इंटरेस्ट रेट्स और कम प्रोसेसिंग फीस और प्रीपेमेंट पेनाल्टी के लिए दो-चार दुकान घूम लें। यदि आपको पैसे की तंगी हो रही है तो आप अपने कार खरीदने के प्लान को अपना फाइनेंसियल कंडीशन ठीक होने तक टाल भी सकते हैं। ऐसे मुश्किल समय में कैश बचाकर रखना बहुत जरूरी है ताकि जरूरी फाइनेंसियल कमिटमेंट्स पूरा करने में रुकावट न हो। इसके लिए आप अपने शॉर्ट और लॉन्ग-टर्म फाइनेंसियल लक्ष्यों में से कम महत्वपूर्ण लक्ष्यों से जुड़े इन्वेस्टमेंट्स को कुछ समय के लिए बंद भी कर सकते हैं।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)