घर खरीदने के लिए बहुत अधिक पैसे की व्यवस्था करनी पड़ती है। आपकी भविष्य की कमाई और पैसे चुकाने की क्षमता पर विचार करते हुए आपको होम लोन से अपने सपनों का घर खरीदने में सहायता मिल सकती है। आमतौर पर होम लोन लेने वाले व्यक्ति लंबे समय के लिए होम लोन लेते हैं जिसकी अवधि 30 वर्ष तक हो सकती है। लेकिन होम लोन प्रोडक्ट चुनने या इसका हैंडलिंग से जुड़ी छोटी से गलती की भी बहुत भारी लागत चुकानी पड़ सकती है। इसलिए अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो आपको होम लोन सुविधा का लाभ उठाने के संबंध में बहुत अधिक सावधानी बरतनी होगी। आइए उन 10 महत्वपूर्ण बातों की जांच करते हैं जिन्हें मौजूदा समय में घर खरीदते समय आपको अपने दिमाग में रखना चाहिए।
नियमित आय की मौजूदगी
होम लोन के लिए लंबे समय तक लोन चुकाने की वचनबद्धता की आवश्यकता होती है। जब आप होम लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो उधारदाता द्वारा आपकी पैसा चुकाने की क्षमता का आकलन किया जाता है, लेकिन वे आपकी भावी योजनाओं पर विचार नहीं करते हैं। इसलिए, अपनी आय की रेगुलैरिटी (नियमितता), चालू और भावी कमाई की क्षमता, आय से जुड़े एक से अधिक विकल्पों की उपलब्धता आदि की जांच कर लें और इस बात का मूल्यांकन करें कि क्या होम लोन लेने के बाद आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर लेंगे या नहीं।
मार्जिन मनी की उपलब्धता
उधारदाता आमतौर पर किसी प्रोपर्टी की वैल्यू का 90 प्रतिशत तक फाइनेंस देते हैं और शेष राशि की व्यवस्था आपको अपने तरफ से करनी पड़ती है, जिसे सामान्य भाषा में 'डाउन पेमेंट' कहा जा सकता है। इसके अलावा, कई अन्य प्रकार के खर्चे भी होते हैं, जैसे रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी चार्ज, इंटेरियर डेकोरेशन आदि, जिनका बिना फाईनेंसिंग सहायता के ध्यान रखने की जरूरत होती है। सम्मिलित रूप से इन सभी को मार्जिन मनी जरुरत कहा जा सकता है, जो उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर, आयु, प्रोपर्टी की लागत, लोन राशि, लोन अवधि आदि के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। इससे पहले की आप होम लोन के लिए आवेदन करें, तय कर लें कि आपके पास पर्याप्त राशि है जिससे आपकी दूसरी महत्वपूर्ण वित्तीय वचनबद्धताएं (कमिटमेंट) प्रभावित नहीं होंगी।
संभावित रूप से सबसे अच्छे रेट्स प्राप्त करने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर
आमतौर पर होम लोन पर बैंक ऊंची ब्याज दर वसूलते हैं यदि आपका क्रेडिट स्कोर औसत से कम (अर्थात 750 से नीचे) है। बैंक के मानदंड के अनुसार यदि उनका क्रेडिट स्कोर कम है, तो वे उधारकर्ता उच्च जोखिम प्रीमियम चार्ज करते हैं। इसलिए, इससे पहले की आप होम लोन के लिए आवेदन करें, तय कर लें कि आपका क्रेडिट स्कोर ऊंचा है और ऐसे कदम उठाएं जिससे यह भविष्य में कम नहीं होता है।
उधार की सीमा को बढ़ाने के लिए को-एप्लीकेंट की उपलब्धता
यदि आपकी बोरोइंग कैपेसिटी से आपकी लोन राशि के अधिक होने की उम्मीद है, तो आदर्श रूप से आपको को-एप्लीकेंट (सह-आवेदक) को शामिल करना चाहिए। को-एप्लीकेशन से आपकी बोरोइंग कैपेसिटी बढ़ जाएगी। यदि आपको क्रेडिट स्कोर कम है, तो को-एप्लीकेंट से लोन लेने की आपकी संभावनाएं बढ़ जाएंगी और लागू ब्याज दर में भी कमी हो सकती है।
होम बजट को कंट्रोल में रखें
लोन लेकर घर खरीदते समय अपने बजट से अधिक खर्च न करें। ओवर-बजट होम से आपके होम लोन की ज़रूरत और ईएमआई जिम्मेवारी बढ़ सकती है, और इस तरह से आपको भविष्य में उधार लेने की क्षमता कम हो सकती है। लोन की बड़ी राशि के कारण भी लागू ब्याज दर बढ़ सकती है।
कर्ज की मौजूदा स्थिति
यदि आपने पहले से ही कई प्रकार के लोन लिए हुए हैं, तो आपको होम लोन लेने से पहले छोटे-छोटे लोन चुकाने की कोशिश करनी चाहिए। मौजूदा ईएमई वचनबद्धताओं से आपकी उस सीमा तक कर्ज चुकाने की सीमा कम हो सकती है और इस प्रकार हो सकता है आप बड़ा लोन न ले पाएं। और यहां तक कि आपको होम लोन मिल भी जाता है, तो आपके कर्ज की कुल मिलाकर स्थिति से आपकी फाइनेंसेज पर दबाव पड़ सकता है। आदर्श नियम यह है कि आपकी ईएमआई आपकी मासिक आय से 40 प्रतिशत अधिक नहीं होनी चाहिए।
होम लोन ईएमआई की अफॉर्डिबिलिटी
मौजूदा निम्न दरों के बावजूद, आपको अपने आप यह प्रश्न पूछना चाहिए कि क्या आप ईएमई को अफॉर्ड कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि आप ईएमआई को नहीं चुका पाएंगे, तो आपको होम लोन की राशि को कम कर देना चाहिए, लोन अवधि को बढ़ा देना चाहिए या अधिक मार्जिन मनी का भुगतान करना चाहिए। ईएमई भुगतान न करने से आपको अतिरिक्त ब्याज चार्ज देने पड़ सकते हैं और आपके क्रेडिट स्कोर के खराब होने के साथ-साथ कर्ज भी और अधिक बढ़ जाएगा। यदि आप ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो उदारदाता (लैंडर) द्वारा अपने ड्यूज लेने के लिए आपकी सम्पत्ति को लिक्विडेट (बेचा) किया जा सकता है।
आकस्मिक बचत (कंटिन्जेंसी सेविंग) की स्थिति
वित्तीय आपातस्थिति के दौरान ईएमआई की चूक करने से बचने के लिए पर्याप्त कंटिन्जेंसी फंड्स को बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है। आपकी मौजूदा वित्तीय स्थिति मजबूत हो सकती है, लेकिन नौकरी चले जाने की जैसी स्थिति के कारण वित्तीय संकट में आप समय पर अपने लोन की सर्विस नहीं कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में, कंटिन्जेंसी फंड उपयोगी साबित हो सकता है। इसलिए, होम लोन लेने से पहले, आपको अपनी कंटिन्जेंसी बचत को मजबूत करना चाहिए ताकि अपनी बढ़ी हुई वित्तीय जिम्मेवारियों को कवर कर सकें।
अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो ईएमई भी बढ़ जाएगी
यदि आप इसलिए घर खरीदना चाहते हैं कि वर्तमान में होम लोन की दरें पिछले कई दशकों में सबसे निचले स्तर पर हैं, तो आपको बहुत अधिक ध्यान रखने की ज़रूरत है। आमतौर पर बैंक होम लोन की दरें रेपो रेट से जुड़ी रहती हैं, और यदि निकट भविष्य में रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो उसी अनुपात में और शीघ्रतापूर्वक आपके लागू होने वाली होम लोन की दरें भी बढ़ जाएंगी। इसलिए, आपको निकट भविष्य में ब्याज दर के बढ़ने की संभावनाओं को भी ध्यान में रखना होगा और इससे पहले कि आप लोन लेकर घर खरीदने का फैसला करते हैं, आपको अपनी रिपेमेंट की क्षमता का भी मूल्यांकन करना होगा।
अधिकतम पात्र (एलिजिबल) लोन अवधि को चुनने पर विचार करें
आमतौर पर बैंक उधारकर्ता की आयु और आय के आधार पर 30 वर्ष की लोन अवधि की अनुमति देते हैं। आपको अपनी पात्रता के अनुसार अधिकतम अवधि के लिए होम लोन का आवेदन करने पर विचार करना चाहिए। फ्लोटिंग-रेट होम लोन पर कोई प्रीपेमेंट चार्ज नहीं होते हैं। लंबी अवधि से आपकी ईएमआई जिम्मेवारी भी कम हो जाएगी और आपके लिए समय पर लोन चुकाना आसान हो जाएगा। बाद में यदि आपकी आय बढ़ती है, तो आप ईएमई का पहले ही भुगतान कर सकते हैं और जल्द ही कर्ज से मुक्ति पाने के लिए आप अनुमति प्रदान की गई अवधि से पहले लोन चुका सकते हैं।
निष्कर्ष के रूप में, निम्न ब्याज दरों के वर्तमान चरण के दौरान घर खरीदने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए यह बहुत ही अच्छा अवसर है। लेकिन, उन्हें सावधानी से चलना होगा और इतने महत्वपूर्ण वित्तीय कदम को उठाने से पहले लोन ईएमआई की अफॉर्डिबिलिटी पर विचार कर लेना चाहिए।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)