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Investment tips : टैक्स-सेवर FD क्या है? इसमें इन्वेस्ट करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

Updated Aug 25, 2020 | 15:19 IST

Tax-saver FD : निवेश करने के लिए कई तरह के टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस हैं। इसके फीचर्स और बेनिफिट्स के बारे में जान लेना चाहिए।

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बैंकों के टैक्स-सेवर FD इंटरेस्ट रेट्स अलग-अलग हैं नीचे जान सकते हैं

Tax-saver FD : इन्वेस्ट करने के लिए कई तरह के टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस हैं। लेकिन यदि आप मामूली इन्वेस्टमेंट रिस्क वाले ऑप्शन में इन्वेस्ट करना चाहते हैं जिसे समझना और चलाना बेहद आसान हो तो आप टैक्स-सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में इन्वेस्ट कर सकते हैं। नॉर्मल FD के विपरीत, टैक्स-सेवर FD में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत एक फाइनेंसियल इयर में 1.5 लाख रुपए तक का टैक्स-डिडक्शन बेनिफिट मिलता है। लेकिन, इसमें इन्वेस्ट करने से पहले इसके फीचर्स और बेनिफिट्स के बारे में जान लेना चाहिए।

टैक्स-सेवर FD के फीचर्स और बेनिफिट्स

सभी निवासी लोगों और हिन्दू अविभाजित परिवारों (HUF) को टैक्स-सेवर FD में इन्वेस्ट करने की इजाजत है। यह FD, रेगुलर FD से थोड़ा अलग होता है। इसमें 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, इसमें एक फाइनेंसियल इयर में 100 रुपए से 1.5 लाख रुपए तक इन्वेस्ट किया जा सकता है और इसके इंटरेस्ट अमाउंट पर आपके टैक्स स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगता है। नॉन-सीनियर सिटिजन इन्वेस्टर्स के मामले में, एक फाइनेंसियल इयर में एक टैक्स-सेवर FD का इंटरेस्ट, 40,000 रुपए से अधिक होने पर, बैंक इसके इंटरेस्ट इनकम से TDS काटता है। सीनियर सिटिजन इन्वेस्टर्स के मामले में, TDS डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपए है। यदि एक बैंक में आपके FD का टोटल इंटरेस्ट, TDS डिडक्शन की सीमा को पार कर सकता है और आपका टोटल इनकम, टैक्सेबल है तो आप बैंक में फॉर्म-15G (यदि आप एक नॉन-सीनियर सिटिजन हैं) या फॉर्म-15H (यदि आप एक सीनियर सिटिजन हैं) सबमिट करके उनसे TDS न काटने का अनुरोध कर सकते हैं।

सीनियर सिटिजन्स को 0.75% प्रतिवर्ष तक ज्यादा इंटरेस्ट मिलता है। सीनियर सिटिजन्स को बैंक FD से 50,000 रुपए तक के इंटरेस्ट इनकम पर टैक्स छूट भी मिलती है। लेकिन, नॉन-सीनियर सिटिजन इन्वेस्टर्स को ऐसी कोई छूट नहीं मिलती है। इसमें इन्वेस्टर्स को 5-साल का मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने से पहले टैक्स-सेवर FD को तोड़ने की इजाजत नहीं है और इसमें ऑटो-रिन्यूअल फैसिलिटी नहीं है। इसके अलावा, इसके बदले लोन या ओवरड्राफ्ट भी नहीं मिलता है। लेकिन, इन्वेस्टर्स, क्यूमुलेटिव या नॉन-क्यूमुलेटिव इंटरेस्ट पेआउट ऑप्शन (मंथली या क्वार्टरली पेआउट) चुन सकते हैं। टैक्स-सेवर FD अकाउंट, इंडिविजुअल या जॉइंट होल्डिंग मोड में खोला जा सकता है और एक वयस्क, एक नाबालिग के साथ मिलकर इसे खोल सकता है। लेकिन, जॉइंट होल्डिंग मोड में, सिर्फ फर्स्ट होल्डर को इन्वेस्टमेंट पर टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिल सकता है।

भिन्न बैंकों के टैक्स-सेवर FD इंटरेस्ट रेट्स

बैंक इंटरेस्ट रेट (प्रतिवर्ष)
डीसीबी बैंक 6.95%
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 6.75%
इंडसइंड बैंक 6.75%
आरबीएल बैंक 6.75%
यस बैंक 6.75%
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक 6.50%
लक्ष्मी विलास बैंक 6.00%
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक 5.80%
बंधन बैंक 5.75%
पंजाब & सिंध बैंक 5.55%

(यह डेटा, 20 अगस्त 2020 को संबंधित बैंकों की वेबसाइट से लिया गया है। यह लिस्ट, सांकेतिक और अधूरी है जो नॉन-सीनियर सिटिज़न्स के लिए टैक्स-सेवर FD इंटरेस्ट रेट की लिस्ट है। BankBazaar.com द्वारा संकलित)

ध्यान में रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें

आप अपने बैंक के ब्रांच में जाकर या ऑनलाइन या मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से एक टैक्स-सेवर FD अकाउंट खोल सकते हैं। बैंक में रेगुलर सेविंग्स अकाउंट्स न होने पर भी FD में इन्वेस्ट किया जा सकता है। रिस्क-परहेजी इन्वेस्टर्स के लिए यह एक बहुत बढ़िया टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है क्योंकि यह मार्केट-लिंक्ड इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स से कम रिस्की है और इसका लॉक-इन पीरियड, पब्लिक प्रोविडेंट फंड से कम है।

लेकिन, सीनियर सिटिजन इन्वेस्टर्स, बेकार का रिस्क लिए बिना, और कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट करने के लिए, FD से थोड़ा ज्यादा रिटर्न पाने के लिए सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं। 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग इस सरकार-समर्थित SCSS में 1000 रुपए से 15 लाख रुपए तक इन्वेस्ट कर सकते हैं जिस पर फिलहाल 7.4% इंटरेस्ट मिल रहा है। SCSS में भी टैक्स-सेवर FDs की तरह 5 साल का लॉक-इन होता है लेकिन इन्हें और 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है, और डिपोजिटर्स, क्वार्टरली इंटरेस्ट पेआउट, और 1.5% पेनाल्टी देकर प्री-मैच्योर विथड्रॉल फैसिलिटी का लाभ उठा सकते हैं। SCSS इन्वेस्टमेंट पर भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक का टैक्स-डिडक्शन बेनिफिट मिलता है और इंटरेस्ट अमाउंट पर टैक्स स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगता है।

इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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