- भारत में 1972 में डीए की शुरुआत हुई
- कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आधार पर डीए की गणना की जाती है
- केंद्रीय कर्मचारियों की तीन किस्तें बकाया हैं
Dearness Allowance Meaning: महंगाई भत्ते का इंतजार हर सरकारी कर्मचारी को रहता है। कोरोना महामारी की वजह से केंद्र सरकार ने डीए यानी महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी थी। इस तरह के कर्मचारियों को डीए की तीन किस्तें मिलनी है। आम तौर पर डीए की घोषणा हर वर्ष जनवरी और जुलाई के महीने में की जाती है। आम तौर पर डीए चार फीसद के आसपास रहता है लेकिन इसे बढ़ाया या घटाया जा सकता है। इस समय केंद्रीय कर्मचारियों को 17 फीसद महंगाई भत्ता मिल रहा है और यदि सरकार ने औपचारिक तौर पर मुहर लगा दी तो यह बढ़कर 28 फीसद हो जाएगी। इसकी गणना चार फीसद, चार फीसद और तीन फीसद के आधार पर की गई है।
क्या है महंगाई भत्ता
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों के रहन सहन के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए मुहैया कराया जाता है। महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर पर किसी तरह का स्तर ना पड़े इस इसलिए इसमें बढ़ोतरी की जाती है। में सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान इसे शुरू किया गया था।उस वक्त इसे खाद्य महंगाई भत्ता या डियरनेस फूड अलाउंस कहते थे। भारत में मुंबई से 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी। इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा।
इस तरह होती है डीए की गणना
महंगाई भत्ते की गणना के लिए तय फार्मूला निर्धारित है, यह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index या CPI) से तय होता है। महंगाई भत्ते का फीसद = पिछले 12 महीने का CPI का औसत-115.76. अब जितना आएगा उसे 115.76 से भाग दिया जाएगा। जो अंक आएगा, उसे 100 से गुणा करते हैं।