डिजिलॉकर (DigiLocker) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी (MeitY) मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा शुरू किया गया है, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी) के तहत भारत सरकार ने फिजिकल डोक्यूमेंट्स के उपयोग को कम करने और ई-डोक्यूमेंट्स के एजेंसी-वाइड स्टोरेज को सक्षम करने के लिए टारगेट किया है। डिजिलॉकर डिजिटल रूप से रिकॉर्ड और सर्टिफिकेट जारी करने और सत्यापित करने के लिए एक नेटवर्क है। अपने सभी डोक्यूमेंट्स को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए और इसे यूजर्स के अनुकूल तरीके से उपयोग करने के लिए आप इस ऐप या प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। ऑनलाइन डिजिलॉकर बनाने के लिए नीचे बताए गए चार स्टेप्स को फोलो करें। जिसके जरिये आप आसानी से ओपन कर सकते हैं।
- DigiLocker वेबसाइट पर जाएं। आप Digilocker को digilocker.gov.in पर देख सकते हैं। आप अपने मोबाइल फोन पर प्ले/ऐप स्टोर से भी एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा, आप डिजिलॉकर वेबसाइट पर जाकर डिजिटल लॉकर अकाउंट बनाने के लिए आधार नंबर का उपयोग कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपका वर्तमान फोन नंबर आधार संख्या के साथ रजिस्टर्ड है।
- 'Sign Up' पर क्लिक करें। अपना पूरा नाम, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर (आधार के साथ रजिस्टर्ड) इंटर करें। एक सेक्युरिटी पिन बनाएं और एक ईमेल आईडी इंटर करें।
- अपना आधार नंबर इंटर करें। एक बार जब आप अपना यूनिक 12 अंकों का आधार नंबर इंटर करते हैं, तो आपको दो विकल्प मिलेंगे - वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) या फ़िंगरप्रिंट - आप आगे बढ़ने के लिए किसी भी विकल्प का उपयोग कर सकते हैं।
- यूजर आईडी निर्माण: एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, ऐप यूजर्स को 'यूजरनेम' और 'पासवर्ड' बनाने के लिए प्रमोट करेगा। डिजिटल लॉकर के लिए अपना मन चाहा यूजरनेम और पासवर्ड इंटर करें और साइन-अप बटन पर क्लिक करें। सफल अकाउंट बनने के बाद, ऐप डिजिलॉकर की डैशबोर्ड स्क्रीन पर दिखेगा।
कस्टमर बेनिफिट्स: डिजिलॉकर लागत में कमी, पॉलिसी कॉपी की डिलीवरी नहीं होने, बीमा सेवाओं में सुधार, बीमा क्लेम में तेजी से बदलाव, प्रोसेसिंग और निपटान, विवादों में कमी, धोखाधड़ी आदि ग्राहकों की शिकायतों को दूर करेगा। इसके अलावे भी कई लाभ हैं।
- कोई भी और कहीं से भी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को इसमें सेव सकता है।
- किसी दस्तावेज को कानूनी तौर पर प्रमाणित कर सकता है, जो मूल रूप से लिगल है।
- कोई भी आसानी से अन्य लोगों के साथ दस्तावेज शेयर कर सकता है।
- सर्विस डिलिवरी तेज होगी - सरकारी लाभ, रोजगार, वित्तीय समावेशन, शिक्षा, स्वास्थ्य।
हाल ही में, बीमा क्षेत्र के नियामक आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों से अपने पॉलिसीधारकों को डिजिटल पॉलिसी जारी करने के लिए कहा है और यह भी बताया है कि इन दस्तावेजों का उपयोग कैसे करें। नियामक ने तर्क दिया है कि इस कदम से न केवल लागत में कमी आएगी बल्कि दावा निपटान प्रक्रिया को गति देने में भी मदद मिलेगी।