कोरोना वायरस महामारी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया। उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज का विस्तार जानकारी देते समय MSME को पैकेज बड़ा हिस्सा देने की बात कही। तब से लेकर MSME की चर्चा रोज होती है। कहा जाता है कि देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण MSME योगदान है। लेकिन यह है क्या चीज? आइए जानते हैं एमएसएमई (MSME) किसे कहते हैं? एमएसएमई को अंग्रेजी में Micro, Small and Medium Enterprises कहते है। जबकि इसे हिंदी में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग कहते हैं।
MSME सूक्ष्म, लघु और मध्यम इन तीनों कैटेगरी के उद्योगों में से किसी भी उद्योग के अंतर्गत आता है। MSME उद्योग स्थानीय स्तर पर किया जाने वाला उद्योग होता है। MSME उद्योग स्थानीय स्तर पर किया जाने वाला उद्योग होता है। यह दो प्रकार का होता है। पहला मैनुफैक्चरिंग उद्योग (विनिनिर्माण उद्योग)। दूसरा सेवा उद्योग (सर्विस सेक्टर)।
MSME को पहचानने के लिए खास बातें-
- सूक्ष्म (Micro) उद्योग: निर्माण उद्योग में 25 लाख रुपए तक की कीमत वाली मशीनें लगी होती हैं। जबकि सर्विस सेक्टर में 10 लाख तक निवेश कर सकते हैं। इन्हें MSME के अंतगर्त सूक्ष्म उद्योग कहा जाता है।
- लघु (Small) उद्योग : निर्माण उद्योग में 25 लाख रुपए से लेकर 5 करोड़ रुपए तक की कीमत वाली मशीनें लगी होती हैं और सर्विस सेक्टर में 10 लाख रुपए से लेकर दो करोड़ रुपए तक निवश होता है। इन MSME को लघु उद्योग यानी स्माल इंडस्ट्री कहा जाता है।
- मध्यम (Medium) उद्योग: निर्माण उद्योग में 5 करोड़ रुपए से लेकर 10 करोड़ रुपए तक की कीमत वाली मशीनें लगी होती हैं, सर्विस सेक्टर में दो करोड़ से 5 करोड़ रुपए तक का निवेश होता है। उन्हें MSME को मध्यम उद्योग कहा जाता है।
इसके तहत बिजनेस करने के लिए आपको ब्याज की कम दर, उत्पाद शुल्क में छूट, सब्सिडी और अन्य कई तरह के लाभ मिलेंगे। MSME के लिए सरकार कम ब्याज दर लोन दे रही है लेकिन छूट को प्राप्त करने के लिए आपको उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है। अगर MSME के लिए आप लोन लेना चाहते हैं तो भारत सरकार द्वारा जारी किए गए पोर्टल या लिंक udyogaadhaar.gov.in पर जाकर निर्देशानुसार आवेदन कर सकते हैं।
MSME के लिए लाई तीन लाख करोड़ रुपए की आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत बैंकों ने अब तक 1.61 लाख करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंकों ने MSME के लिए अब तक 1,61,017 .68 करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी है। जबकि तीन सितंबर तक 1,13,713.15 करोड़ रुपये ही लोन के तौर पर वितरित किए गए।
वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि सरकारी और प्राइवेट बैंकों की 100 प्रतिशत आकस्मिक ऋण गारंटी योजना के तहत तीन सितंबर तक 1,61,017.68 करोड़ रुपए के लोन मंजूर किए गए। जबकि 1,13,713.15 करोड़ रुपए के लोन वितरण किए गए। इस योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 78,067.21 करोड़ रुपए के लोन मंजूर किए जबकि वितरण 62,025.79 करोड़ रुपए रहा। वहीं प्राइवेट बैंकों ने 82,950 करोड़ रुपए के लोन मंजूर किए जबकि 51,687 करोड़ रुपये का वितरण किया।