नई दिल्ली: जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार दिसंबर 2020 में थोक महंगाई दर 1.22 प्रतिशत थी। जो जनवरी 2021 में बढ़कर 2.03 प्रतिशत हो गई। देश में थोक महंगाई दर बीते महीने जनवरी के दौरान 2.03% रही जोकि इससे पूर्व महीने दिसंबर की तुलना में अधिक है, लेकिन सालाना आधार पर देखें तो थोक महंगाई दर में गिरावट आई है। पिछले साल जनवरी में जहां थोक महंगाई दर 3.52% थी वहां इस साल यह घटकर 2.03% रह गई है। वहीं दिसंबर 2020 में देश की थोक महंगाई दर 1.22% थी जिसकी तुलना में इस साल जनवरी में महंगाई दर में वृद्धि दर्ज की गई। थोक महंगाई दर के आंकड़े केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के बाद भी थोक मूल्य आधारित महंगाई दर जनवरी 2021 में बढ़कर 2.03% हो गई। इसका मुख्य कारण विनिर्मित वस्तुओं के दाम में तेजी आना है। ताजे आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आई। हालांकि विनिर्मित गैर-खाद्य वस्तुओं और ईंधन एवं बिजली वर्ग का मूल्य सूचकांक बढने से महंगाई दर बढ़ी। विशेषज्ञ अगले कुछ महीने में कीमत वृद्धि की दर के रफ्तार पकड़ने का अनुमान जाहिर कर रहे हैं। थोक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति इससे पहले दिसंबर 2020 में 1.22% और जनवरी 2020 में 3.52% थी।
आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर जनवरी 2021 में शून्य से 2.8% नीचे रही। यह एक महीने पहले यानी दिसंबर 2020 में शून्य से 1.11% नीचे थी। इस दौरान सब्जियों की थोक महंगाई दर शून्य से 20.82% नीचे रहे पर आलू की थोक महंगाई दर इस दौरान 22.04% रही। ईंधन एवं बिजली की मुद्रास्फीति शून्य से 4.78% नीचे रही तबकि दिसंबर में इस वर्ग में मुद्रास्फीति शून्य से 8.72% नीचे थी।
गैर-खाद्य श्रेणी में महंगाई दर इस दौरान 4.16% रही। मुख्य महंगाई दर (खाद्य और मूल्य प्रशासन के तहत आने वाली वस्तुओं को छोड़ कर विनिमित चीजों के थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर) जनवरी 2021 में 27 महीने के उच्च स्तर 5.1% पर रही।
इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मुख्य महंगाई दर में तेज वृद्धि के असर को प्राथमिक खाद्य सामग्रियों के दामों में तेज गिरावट ने संतुलित कर दिया। इक्रा ने कहा कि बिजली की बढ़ती मांग तथा अधिक होती कीमतों के चलते अप्रैल-जून तिमाही में मुख्य मुद्रास्फीति सात से साढ़े सात प्रतिशत तक पहुंच सकती है।
नायर ने कहा कि अगले कुछ महीने में मुख्य थोक महंगाई दर में तेज उछाल आ सकता है। हम अब वित्त वर्ष 2021-22 में औसत थोक महंगाई दर 5 से 5.5% रहने की उम्मीद कर रहे हैं, बशर्ते कि उपलब्ध टीके कोरोना वायरस के नये स्वरूपों के खिलाफ निष्प्रभावी साबित न हो जाएं और इससे जिंसों की कीमतें, उपभोक्ताओं का भरोसा व कारोबारी धारणा कमजोर न हो जाए।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच फरवरी को मौद्रिक नीति घोषणा में ब्याज दरों को लगातार चौथी बैठक में अपरिवर्तित रखा। रिजर्व बैंक ने घोषणा करते हुए कहा था कि निकट-भविष्य में महंगाई दर का परिदृश्य अनुकूल हुआ है।